नई दिल्ली .  भारत जल्द ही 123 विशेष बहुउद्देश्यीय हेलिकॉप्टरों को नौसेना में शामिल करना चाहता है, जो कि पनडुब्बियों पर हमला करने में भीसक्षम होंगे। इनके अलावा 111 हल्के हेलिकॉप्टरों को भी शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए मेक इन इंडिया के अंतर्गत नई'रणनीतिक साझेदारी' के तहत तैयारी की जा रही है। इस प्रॉजेक्ट में लगभग 32,000 लाख रुपये का खर्च आएगा।

'स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप' का उद्देश्य विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर घरेलू निजी कंपनियों के रक्षा उत्पाद को बढ़ावा देना है। इससे तकनीक का आदान-प्रदान भीसंभव हो पाएगा। इससे पहले सरकार ने 6 देशों से 70,000 करोड़ की रक्षा परियोजना के लिए जानकारी मांगी थी। हेलिकॉप्टर्स के प्रॉजेक्ट के लिए भी सरकार नेविदेशी कंपनियों से जानकारी मांगी है। जानकारी मिलने के बाद कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट के लिए आवेदन करेंगी। चयनित होने पर साल के आखिरी तक उन्हें काम सौंपदिया जाएगा।

 

ये हेलिकॉप्टर भारतीय नौसेना के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे। इनसे महासागर के अंदर पनडुब्बियों पर हमला करने में मदद मिलेगी। साथ ही हल्के हेलिकॉप्टरजहाजों के आसपास टोह लेने के साथ-साथ हमला करने में भी मदद करेंगे।  बहुउद्देश्यीय हेलिकॉप्टरों के लिए अमेरिका से की गई डील लंबे समय से लंबित है।वर्तमान में नौसेना के पास 11 कोमोव-28 और 17 सी किंग ASW हेलिकॉप्टर हैं। ऐसे में नौसेना हेलिकॉप्टरों की कमी से जूझ रही है।