
Post Office Savings Schemes: लगातार बढ़ती आर्थिक अस्थिरता और शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव में बीच भारत के लोग एक बार फिर पुराने और भरोसेमंद निवेश के तरीके की ओर रुख कर रहे हैं। यह पुराना और भरोसेमंद तरीका है पोस्ट ऑफिस में निवेश। भारत सरकार के डाक विभाग की छोटी बचत योजनाएं अपनी सुरक्षा, स्थिर रिटर्न और देश के दूरदराज इलाकों तक आसान पहुंच के कारण फिर से लोकप्रिय हो रही हैं।
ये योजनाएं डाक विभाग द्वारा संचालित की जाती हैं, जो संचार मंत्रालय के अधीन है। इनमें सुरक्षा, टैक्स लाभ और अच्छे ब्याज दरों का शानदार मिश्रण है। आइए, जानते हैं पोस्ट ऑफिस की कुछ सबसे लोकप्रिय बचत और निवेश योजनाओं के बारे में।
पोस्ट ऑफिस बचत खाता: आसान और सुरक्षित शुरुआत
पोस्ट ऑफिस का बचत खाता बैंकों की तरह ही एक कम जोखिम वाला और ब्याज देने वाला विकल्प है। इसमें सालाना 4 फीसदी ब्याज मिलता है। खाता खोलने के लिए कम से कम 500 रुपये की जरूरत होती है, और अधिकतम जमा की कोई सीमा नहीं है। यह खाता कोई भी व्यक्ति, दो लोग मिलकर (जॉइंट) या 10 साल से ज्यादा उम्र के नाबालिग भी खोल सकते हैं।
इस खाते की ब्याज से होने वाली आय पर 10,000 रुपये तक की छूट टैक्स में मिलती है (सेक्शन 80TTA के तहत)। अगर खाता तीन साल तक इस्तेमाल न हो तो यह निष्क्रिय हो जाता है, लेकिन इसे फिर से चालू किया जा सकता है। एक जरूरी बात—हर व्यक्ति केवल एक ही बचत खाता खोल सकता है।
RD: हर महीने बचत, बड़ा फायदा
5 साल की रेकरिंग डिपॉजिट (RD) योजना मध्यम वर्ग के परिवारों में खूब पसंद की जाती है। यह उन लोगों के लिए है जो हर महीने थोड़ा-थोड़ा बचाकर बड़ा फंड बनाना चाहते हैं। इसमें 6.7 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है, जो हर तीन महीने में चक्रवृद्धि (कंपाउंड) होता है। आप हर महीने सिर्फ 100 रुपये से भी शुरुआत कर सकते हैं।
अगर आप कोई किस्त चूक जाते हैं, तो मामूली जुर्माना देना पड़ता है। 12 महीने की जमा और एक साल पूरा होने के बाद आप खाते में जमा राशि का 50 फीसदी तक लोन भी ले सकते हैं। अगर आपको समय से पहले खाता बंद करना हो, तो तीन साल बाद यह मुमकिन है, लेकिन ब्याज में कुछ कटौती होगी।
TD: गारंटीड रिटर्न का भरोसा
पोस्ट ऑफिस का टाइम डिपॉजिट (TD) उन लोगों के लिए है, जो निश्चित रिटर्न चाहते हैं। यह बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह ही है। जनवरी-मार्च 2024 की तिमाही में इसके ब्याज दर 6.9 फीसदी से 7.5 फीसदी के बीच हैं, जो 1, 2, 3 या 5 साल की अवधि पर निर्भर करता है। 5 साल का टाइम डिपॉजिट सबसे ज्यादा 7.5 फीसदी ब्याज देता है और इसमें टैक्स छूट भी मिलती है (सेक्शन 80C के तहत)। अगर आपको समय से पहले पैसे निकालने हों, तो छह महीने बाद यह संभव है, लेकिन ब्याज में कुछ कटौती होगी।
MIS: हर महीने निश्चित आय
रिटायरमेंट के बाद नियमित आय या कम जोखिम वाला निवेश चाहने वालों के लिए मंथली इनकम स्कीम (MIS) बेहतरीन है। इसमें 7.4 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है, जो हर महीने आपके खाते में आता है। इसमें अकेले व्यक्ति 9 लाख रुपये तक और जॉइंट खाते में 15 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं। इसकी अवधि 5 साल की है। अगर आप समय से पहले पैसे निकालना चाहें, तो एक साल बाद 2 फीसदी और तीन साल बाद 1 फीसदी की कटौती के साथ ऐसा कर सकते हैं। ब्याज पर टैक्स लगता है, लेकिन हर महीने निश्चित आय इसे आकर्षक बनाती है।
SSY: बेटियों का सुनहरा भविष्य
बेटियों की पढ़ाई और शादी के लिए बचत को प्रोत्साहन देने वाली सुकन्या समृद्धि योजना सबसे ज्यादा 8.2 फीसदी ब्याज देती है। 10 साल से कम उम्र की बेटी के लिए माता-पिता या अभिभावक यह खाता खोल सकते हैं। इसमें हर साल कम से कम 250 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं। 15 साल तक जमा कर सकते हैं और खाता 21 साल बाद या बेटी की शादी (18 साल की उम्र के बाद) पर मैच्योर होता है। इस योजना में तीन तरह के टैक्स लाभ हैं—जमा राशि, ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि, तीनों पर टैक्स छूट मिलती है (सेक्शन 80C के तहत)।
PPF: लंबे समय के लिए बेहतर
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) लंबे समय के निवेशकों की पहली पसंद है। इसमें 7.1 फीसदी ब्याज मिलता है और यह पूरी तरह सरकार द्वारा समर्थित है। हर साल कम से कम 500 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं।इसकी अवधि 15 साल की है, जिसे 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इस दौरान लोन और आंशिक निकासी की सुविधा भी है। PPF की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी राशि टैक्स-फ्री है। यह रिटायरमेंट और टैक्स प्लानिंग के लिए शानदार विकल्प है।
सुरक्षा की बढ़ रही है चाहत
जहां म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार जैसे निवेश युवा और जोखिम लेने वालों को आकर्षित करते हैं, वहीं पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाएं बुजुर्गों, ग्रामीण क्षेत्रों और रूढ़िगत निवेशकों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच हैं। जैसे-जैसे वित्तीय जागरूकता बढ़ रही है और डाक बैंकिंग की डिजिटल पहुंच सुधर रही है, ये योजनाएं अपनी पुरानी छवि को पीछे छोड़ रही हैं। अब ये एक संतुलित वित्तीय पोर्टफोलियो का भरोसेमंद हिस्सा बन रही हैं।