बेंगलुरु : आय से अधिक संपत्ति रखने के जुर्म में 27 सितंबर से कर्नाटक की पारापन्ना अग्रहारा सेंट्रल जेल में सजा काट रही तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री व अन्नाद्रमुक की मुखिया जे.जयललिता को शुक्रवार को सुप्रीमकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। कोर्ट नेजया को कुछ बंदिशों के साथ जमानत तो दे दी, लेकिन दोषसिद्धि को बरकरार रखा है। कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जया शनिवार को जेल से छूटेंगी। हां कोर्ट के फैसले से इतना तो तय है कि वे दिवाली घर पर मना पाएंगी। कोर्ट ने 66.65 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति मामले के तीन अन्य दोषियों जया की करीबी शशिकला, पूर्व मुख्यमंत्री के दत्तक पुत्र रह चुके वीएन सुधाकरन और इलावरासी को भी जमानत दे दी है।

मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की पीठ ने जयललिता को दो जमानती पेश करने पर रिहा करने का आदेश दिया है। इससे पूर्व जया के अधिवक्ता फली नारिमन ने कहा, हाईकोर्ट ने बात समझने में भूल की है। उन्होंने सजा निलंबित करने की मांग की थी। दोषसिद्धि निलंबित करने की नहीं।

वरिष्ठ अधिवक्ता नारिमन ने सुप्रीमकोर्ट के पूर्व फैसलों का हवाला देते हुए कहा,भ्रष्टाचार के मामलों में कोर्ट ने दोषसिद्धि रोकने से जरूर इन्कार किया है लेकिन ऐसे मामलो में सामान्यता सजा निलंबित कर दी है। अगर सुप्रीम कोर्ट चाहे तो जया को घर तक ही सीमित रहने का आदेश दे दे लेकिन बीमारियों आदि के मद्देनजर उन्हें जमानत दे दी जाए। शुरुआत में पीठ जमानत देने के पक्ष में नहीं दिख रही थी। कोर्ट ने कहा, वे अभियुक्त का आचरण कैसे नजरअंदाज कर दें उसने ट्रायल में कितनी देर की है। वर्षो ट्रायल लंबित रहा अगर जमानत दे दी गई तो अपील भी दो दशक तक लंबित रहेगी। नारिमन ने कहा,ऐसा नहीं होगा और वे कोर्ट को भरोसा दिलाते हैं कि उनकी ओर से कोई स्थगन नहीं मांगा जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट की बंदिशें व चेतावनी:

-जया जमानत मिलने के बाद हाईकोर्ट में लंबित अपील की सुनवाई में देरी नहीं करेंगी।

-जया को दो महीने में सारा रिकार्ड हाईकोर्ट में पेश करना होगा। ऐसा न करने पर एक दिन का भी वक्त न मिलेगी।

-हाईकोर्ट को तीन माह में अपील का निपटारा करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने जया की याचिका लंबित रखते हुए सुनवाई के लिए 18 दिसंबर की तिथि तय की है।

सीएम पद व चुनाव से दूर रहेंगी

सजा होने के कारण मुख्यमंत्री पद और सदस्यता गवा चुकी जयललिता फिलहाल न तो चुनाव लड़ पाएंगी और न ही अभी मुख्यमंत्री बन सकती हैं क्योंकि सुप्रीमकोर्ट ने सिर्फ उनकी सजा पर रोक लगाई है दोषसिद्धि पर नहीं।

हाईकोर्ट ने नहीं दी थी जमानत:

बेंगलूर की विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति रखने के जुर्म में जया को चार साल की सजा सुनाई है। जया ने इस फैसले को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी है। साथ ही जमानत देने की अपील भी की लेकिन हाईकोर्ट ने अपील लंबित रहने के दौरान उन्हें जमानत देने मना कर दिया था।

सुब्रमण्यम स्वामी की आपत्ति:

सुब्रमण्यम स्वामी ने जया समर्थकों और अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं के आचरण का मुद्दा उठाते हुए कहा,उनके घर पर हमला किया गया,मद्रास जाने पर जान से मारने की धमकी दी गई। इस पर नारिमन ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि जया बयान जारी कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करेंगी।

जेल के बाहर जश्न:

जया को जमानत की खबर मिलते ही पारापन्ना अग्रहारा सेंट्रल जेल के बाहर अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता व जया समर्थकों को मजमा जुट गया। पुरुषों-महिलाओं ने नाच गाने और आतिशबाजी के बीच एक दूसरे का मुंह मीठा कराया। प्रशासन ने हालात के मद्देनजर जेल परिसर और बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी है। वरिष्ठ अफसरों के साथ ही एक हजार जवान तैनात किए गए हैं। कर्नाटक- तमिलनाडु सीमा पर स्थित होशुर रोड क्षेत्र में भी सुरक्षा सख्त कर दी गई है, क्योंकि जेल से बीस किमी दूर स्थित इस क्षेत्र के होटलों, अतिथिग्रहों में अन्नाद्रमुक समर्थक डटे हुए हैं।