उत्तर प्रदेश के अयोध्या निवासी होनहार और जांबाज लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी सिक्किम में शहीद हो गए. ऑपरेशनल गश्त के दौरान उनका एक साथी जवान नदी में गिर गया. पानी का बहाव तेज था, जवान बहने लगा. यह देख 23 साल के लेफ्टिनेंट शशांक नदी में कूद गए. साथी को तो मौत के मुंह से खींचकर बाहर निकाल लाए, लेकिन खुद जान गंवा बैठे. आज उनका शव अयोध्या पहुंचेगा.

शशांक के पिता मर्चेंट नेवी में अफसर हैं, जो आज देर रात भारत पहुंचेंगे. इसलिए कल यानि शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ शशांक का जमथरा घाट पर अंतिम संस्कार होगा. शशांक घर के इकलौते बेटे थे. उनकी एक बहन है, जो दुबई में रहती है. 2019 में उनका सिलेक्शन एनडीए में हुआ था. पिछले साल उन्हें कमीशन मिला और पहली पोस्टिंग सिक्किम में हुई.

शशांक अयोध्या के थाना कैंट क्षेत्र के मझवां गद्दोपुर के रहने वाले थे. उनके पिता जंग बहादुर तिवारी मर्चेंट नेवी में हैं और वर्तमान में अमेरिका में तैनात हैं. मां नीता तिवारी की तबीयत अक्सर खराब रहती है. वह कौशलपुरी कॉलोनी स्थित आवास में परिवार के साथ रहती हैं.

2024 में ज्वाइन की आर्मी
शशांक तिवारी बचपन से ही बेहद पढ़ाई में होनहार थे. उन्होंने पहले ही प्रयास में NDA क्वालिफाई किया था. 17 दिसंबर 2024 को उन्होंने सेना में ज्वाइनिंग दी थी. देशसेवा उनकी रग-रग में समाई थी. शशांक का एकमात्र सपना था- वर्दी पहनकर मातृभूमि की रक्षा करना. आज उन्होंने वो सपना पूरा कर दिया. अपने प्राणों की आहुति देकर. उनका पार्थिव शरीर आज एयरक्राफ्ट के जरिए अयोध्या लाया जाएगा. कल, पूरे राजकीय सम्मान के साथ, अयोध्या के माझा जमथरा श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. गांव और पूरे जिले में शोक की लहर है लेकिन साथ ही गर्व भी है. गांव वालों का कहना है कि हमारे बीच से एक सच्चा हीरो निकला.

पढ़ाई में तेज थे शशांक तिवारी
शहीद शशांक के मामा ने बताया- शशांक पढ़ाई में हमेशा तेज रहा. उसकी प्रारंभिक शिक्षा शशांक शहर केजिंगल बेल स्कूल से हुई. साल 2019 में उसने जेबीए एकेडमी से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की. इसके बाद उसका सिलेक्शन एनडीए में हो गया.