बुरहानपुर ।    बुरहानपुर(शारिक अख्तर दुररानी) शहर के नागझिरी वार्ड स्थित ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व की इमारत बीबी की मस्जिद में बुधवार दोपहर हंगामा मच गया। मस्जिद में लगे स्मृति चिह्न को उतारने पर स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। आक्रोशित होकर धरोहर में प्रवेश कर गए। घटना की जानकारी होते हुए पुलिस बल मौके पर पहुंचा और मामले की जांच शुरू की। जानकारी के अनुसार मस्जिद में मरम्मत का काम चल रहा है। इस दौरान मरम्मत का काम कर रहे मजदूर को लोगों ने बीबी की मस्जिद के मीनार पर लगे प्राचीन स्मृति चिह्न को उतारकर ले जाते देखा। इस पर मजदूर को पकड़कर दोबारा स्मृति चिह्न को मस्जिद में पहुंचवाया गया। 

सूचना पर पहुंचे सीएसपी तहसीलदार

घटनाक्रम की सूचना मिलने पर पहले डायल 100 का वाहन पहुंचा। उसके बाद नगर पुलिस अधीक्षक गौरव पाटील, तहसीलदार राम लाल पगारे, समाजसेवी डॉ. एसएम तारिक, स्थानीय पार्षद बाबा भाई और गणमान्य नागरिक पहुंचे। जानकारी लगते ही स्थानीय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी विपुल मेश्राम भी यहां पहुंचे। 

जांच में सामने आई बात

अफसरों ने पूरे मामले की जानकारी ली तो पता चला पुरातत्व विभाग द्वारा आकाशीय बिजली से बचने के लिए मस्जिद के मीनार पर तड़ी चालक लगाया जा रहा है। तड़ी चालक स्थापित करने के लिए मीनार के ऊपर एक सलाख पर प्राचीन स्मृति चिह्न लगा है, जिसे मजदूर उतारकर तड़ी चालक लगाने के लिए रिपेरिंग करने के लिए ले जा रहा था। इस पर लोग समझे कि मजदूर स्मृति चिह्न को बाजार में बेचने के लिए ले जा रहा है।

क्या है मस्जिद का इतिहास

स्थानीय इतिहास के जानकार मोहम्मद नौशाद ने बताया कि इस मस्जिद का नाम बीबी की मस्जिद है। इसे फारूकी शासक आदिल शाह फारूकी ने अपने कार्यकाल में 1420 में निर्माण कराया। जानकारी के अनुसार 1927 में भूकंप के झटके आने से इस मस्जिद का मीनार व इमारत क्षतिग्रस्त हुई थी। इसके बाद 1962 में एक बार और भूकंप के झटके से एक मीनार धराशायी हो गई थी। तब से ही मस्जिद को बंद कर दिया गया था। ये मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन है। ये शहर की पहली जामा मस्जिद है।