नई दिल्ली  । देश के 75 फीसद हिस्से में जून से लेकर सितंबर के बीच मानसून की अच्छी बारिश का अनुमान है।  इस साल जून महीने से झमाझम बरसात शुरु हो जाएगी। स्काईमेट ने यह जानकारी एक प्रेस कांफ्रेंस में दी। मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली कंपनी स्काईमेट का कहना है कि आगामी दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश सामान्य से अधिक होगी। पूर्वानुमान के मुताबिक जून से सितंबर के बीच सक्रिय रहने वाले मानसून सीजन में कुल 103 फीसद बारिश होगी। लेकिन उत्तरी क्षेत्र के मैदानी भागों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में पूरे सीजन में कम बारिश होने की आशंका है। स्काईमेट के मुताबिक, आंतरिक कर्नाटक, गुजरात व महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में थोड़ी कम बारिश हो सकती है। दूसरी तरफ पूर्वी राज्यों-बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में औसत से अधिक बरसात होने की संभावना है। देश के पश्चिमी छोर में औसत से कम बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है। हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जुलाई व अगस्त में भले ही कुछ कम बारिश हो, लेकिन सितंबर में लौटता हुआ मानसून अत्यधिक बारिश कर सकता है। मानसून की विदायी देर से होने का अनुमान है। अल नीनो और ला नीना का संदर्भ प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर होने वाले बदलावों से है, जिसका दुनियाभर में मौसम पर प्रभाव पड़ता है। अल नीनो की वजह से तापमान गर्म होता है और ला नीना के कारण ठंडा। दोनों आमतौर पर 9-12 महीने तक रहते हैं, लेकिन असाधारण मामलों में कई वर्षों तक रह सकते हैं। पूर्वानुमान के मुताबिक, जून से सितंबर के बीच 103 फीसद यानी 167 मिमी बारिश होगी। इस दौरान 60 फीसद सामान्य बारिश की संभावना है, जबकि 15 फीसद सामान्य से अधिक, 10 फीसद अत्यधिक और 15 फीसद कम बारिश की संभावना है।