नई दिल्ली: दिल्ली-एन.सी.आर. में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के पटाखों की बिक्री पर बैन के खिलाफ दिल्ली में कई जगह बैनर लगाए गए हैं। बड़े-बड़े इन बैनरों में पटाखों की बिक्री पर बैन का विरोध किया गया है। दिल्ली में रविवार रात को पटेल चौक मैट्रो स्टेशन के पास आई.टी.ओ. फुट ओवरब्रिज और अशोक रोड पर पटाखों पर बैन को लेकर पोस्टर लगाए गए जिन्हें सोमवार सुबह लोगों ने देखा। इसमें लिखा है कि याकूब मेमन के लिए सुप्रीम कोर्ट रात को 2 बजे सुनवाई करता है, छोटे बच्चों की फुलझड़ी जलाने पर कब सुनवाई होगी। एक अन्य पोस्टर में कह गया है कि कोर्ट में करोड़ों मुकद्दमे हैं लेकिन जज साहब को जलीकट्टू, दीपावली और हर त्यौहार पर सुनवाई के लिए समय मिल जाता है। आई.टी.ओ. पर जहां पोस्टर लगा है, दिल्ली पुलिस का हैडक्वॉर्टर उसके बिल्कुल पास है।

 

इन पोस्टरों में विरोध करने वाले के नाम की जगह ‘दिल्ली की जनता’ लिखा हुआ है। लगाए गए पोस्टरों में से एक पर लिखा गया है कि आई.आई.टी. कानपुर की रिपोर्ट कहती है कि पटाखों से कहीं अधिक प्रदूषण अन्य स्रोतों से होता है। आप केवल पटाखे ही देख पाए।

 

खुदरा कारोबारियों के संगठन कन्फैडरेशन ऑफ  ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार से कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद बिक्री बंद करने वाले पटाखा विक्रेताओं को हुए नुक्सान की भरपाई करे। कैट ने कहा कि कारोबारियों के पास 500 करोड़ रुपए तक के पटाखे पड़े हुए हैं। उसने कहा दिल्ली के पटाखा विक्रेताओं को उनकी बिना किसी गलती के भारी नुक्सान उठाना पड़ा है।

 

संगठन ने कहा कि कारोबारियों को संबंधित प्राधिकरण से पटाखे बेचने का लाइसैंस मिला था। उसी के हिसाब से उन्होंने भंडार की खरीद की थी लेकिन अदालत के आदेश के बाद उन्हें नुक्सान झेलना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट की रोक और प्रशासन की सख्ती के बाद पटाखा विक्रेताओं के करोड़ों रुपए डूबते हुए नजर आ रहे हैं क्योंकि विक्रेताओं का कहना है कि उन्होंने शिवाकासी और रोहतक से माल खरीदा है लेकिन अब वे लोग माल वापस लेने से इन्कार कर रहे हैं।