कोलकाता : कोलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा बलात्कार के आरोपों से बरी किए जाने के बाद राहत महसूस कर रही एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता पिंकी प्रमाणिक ने न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि शिकायकर्ता को उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए सजा मिलनी चाहिए।

पूर्वी रेलवे की कर्मचारी पिंकी ने कहा, अब मैं निर्दोष साबित हो गई हूं और जानना चाहती हूं कि मुझे इस सब में फंसाने वाली महिला को क्या सजा मिलनी चाहिए। मध्यम दूरी की इस पूर्व धाविका पर उनकी लिव इन पार्टनर अनामिका आचार्य ने पुरूष होने और बलात्कार करने का अरोप लगाया था जिसके बाद पिंकी को 14 जून 2012 को गिरफ्तार किया गया था और उनका लिंग निर्धारण करने के लिए चिकित्सकीय परीक्षण कराने का आदेश दिया गया था।

गौरतलब है कि न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार ने पिंकी के खिलाफ बलात्कार और धोखाधड़ी के आरोपों को कल खारिज कर दिया था पिंकी पर जून 2012 में एक महिला ने आरोप लगाया था कि उन्होंने शादी का वादा करने और शारीरिक संबंध बनाने के बावजूद उससे शादी नहीं की। पिकीं इस आरोप को चुनौती देते हुए 2013 में हाईकोर्ट की शरण में गई थी और अपने खिलाफ आरोपों को खारिज करने को कहा था।

पिंकी के वकील कौशिक गुप्ता ने न्यायमूर्ति तालुकदार के समक्ष कहा था कि उनके चिकित्सकीय परीक्षण में साबित हुआ है कि वह महिला हैं। गुप्ता ने कहा कि भारतीय कानून के तहत पुरूष पर ही बलात्कार का आरोप लगाया जा सकता है और ऐसी स्थिति में पिंकी के खिलाफ बलात्कार और धोखाधड़ी का मामला निरस्त होना चाहिए। अभियोजन पक्ष ने पिंकी की इस याचिका का विरोध किया था। न्यायमूर्ति तालुकदार ने हालांकि दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पिंकी के खिलाफ मामले को निरस्त कर दिया था।