वैज्ञानिकों को एक नए शोध में डायनासॉर की एक नई प्रजाति का पता चला है। यह प्रजाति डायनासॉर्स की अबतक की सभी ज्ञात प्रजातियों में सबसे बड़ी थी। ये इतने विशालकाय हुआ करते थे कि टायरनोसॉरस रेक्स भी इनके सामने बौने लगते थे। 76 टन वजनी ये डायनासॉर शाकाहारी थे और किसी अंतरिक्षयान की तरह भारी-भरकम हुआ करते थे। इनकी औसत लंबाई करीब 122 फुट थी। इस शोध में शामिल शोधकर्ताओं का कहना है कि इतने विशाल आकार के बावजूद ये डायनासॉर बिल्कुल भी डरावने नहीं थे। 

इस डायनासॉर का जीवाश्म साल 2012 में दक्षिणी अर्जेंटीना में मिला था। जिन शोधकर्ताओं ने इस जीवाश्म का परीक्षण कर इसके काल का पता लगाया, उनका कहना है कि लंबी गर्दन वाला यह डायनासॉर टाइटनॉसॉर्स कहे जाने वाले बेहद विशाल आकार के डायनासॉर समूह में सबसे विशालकाय था। अर्जेंटीना स्थित जीवाश्मिकी म्यूजियम के एक शोधकर्ता डियागो पोल ने बताया, 'इस डायनासॉर समूह में एक छोटा सा वर्ग ऐसे डायनासॉर्स का था जो कि आकार में बहुत-बहुत ज्यादा बड़े थे।' इस शोध के नतीजे जर्नल प्रॉसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसायटी बी में मंगलवार को प्रकाशित हुए। 

यह जीवाश्म अर्जेंटीना के पाटगोनिया प्रांत में मिला था, इसीलिए इसका नाम भी पाटगोटिटन मेयोरम रखा गया है। पाटगोनिया शब्द के साथ ग्रीक भाषा के टाइटन शब्द को मिलाकर यह नाम रखा गया है। टाइटन का मतलब विशाल होता है। मेयोरम उस परिवार के नाम को सम्मान देते हुए चुना गया है, जिन्होंने शोधकर्ताओं की मेजबानी की थी। इस प्रजाति के डायनासॉर्स के 6 जीवाश्मों का अध्ययन किया गया। पाया गया कि ये सभी करीब 10 करोड़ साल पहले धरती पर जिंदा थे। इस डायनासॉर के कंकाल का सांचा अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नैचुरल हिस्ट्री में रखा गया है। यह इतना बड़ा है कि डायनासॉर का सिर बाहर निकलकर न्यू यॉर्क म्यूजियम के हॉलवे में पहुंच गया है। 

पोल ने बताया, 'इस प्रजाति के डायनासॉर इतने विशाल थे कि टायरनोसॉरस रेक्स और अन्य मांसाहारी डायनासॉर इसके आगे बौने लगते थे। अगर आप किसी विशालकाल हाथी के सामने शेर को खड़ा कर देंगे, तो यह कुछ-कुछ वैसा ही लगेगा।' पोल ने बताया कि वैज्ञानिकों को टाइटनॉसॉर्स के बारे में कुछ समय पहले पता चला था, लेकिन उसकी इस नई प्रजाति का पता लगना बेहद ताजातरीन खोज है। पोल ने बताया, 'मुझे नहीं लगता कि वे बिल्कुल भी डरावने थे। शायद वे बहुत विशाल, लेकिन धीरे-धीरे चलने वाले जानवर रहे होंगे। इतने विशालकाय जीवों के लिए खड़ा होना, चलना-फिरना और दौड़ने की कोशिश करना भी काफी चुनौतीपूर्ण रहा होगा।'