नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि हमें जो राष्ट्र बनाना है वह सहिष्णु, समरसतापूर्ण और शांतिपूर्ण होना चाहिए जहां अंतिम व्यक्ति को देश की गाथा का हिस्सा होने का ऐहसास हो। भारतीय आयुध कारखाना सेवा के परीवीक्षा अधिकारियों के बैच को राष्ट्रपति भवन में संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि हमें नागरिक सेवकों, तकनीक के जानकारों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों और विचारकों के तौर पर जो राष्ट्र बनाना है वह एक ऐसा भारत हो जो उसके सभी नागरिकों को अच्छी और संतोषप्रद जिंदगी सुनिश्चित करे।

उन्होंने कहा, ‘यह एक स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, डिजिटल तौर पर सशक्त भारत, शिक्षित और कुशल भारत होना चाहिए तथा एक सहिष्णु, समरसतापूर्ण और शांतिपूर्ण भारत हो जहां अंतिम व्यक्ति खुद को देश की गाथा का हिस्सा महसूस करे। मेरी सरकार इस संबंध में कई पहल कर रही है।’

मुखर्जी ने शस्त्र प्रणाली में आत्मनिर्भरता की जरूरत रेखांकित करते हुए कहा कि यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि प्रत्येक विफल गोली के साथ देश की रक्षा कर रहे एक जवान की जिंदगी दांव पर लगी होती है। उन्होंने कहा कि दुनिया में आर्थिक मंदी के बावजूद हमने पिछले वित्त वर्ष में सर्वोच्च विकास दर दर्ज की है।