भोपाल ।  कमलनाथ सरकार को गिराकर 23 मार्च 2020 को अस्तित्व में आई भाजपा सरकार के सफलतम तीन साल 23 मार्च को पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर भोपाल में भव्य आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ सकते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री से कार्यक्रम में आने का आग्रह किया है। वहीं सभी विभाग प्रमुखों से पिछले तीन साल में किए गए कार्यों की रिपोर्ट तलब की गई है। राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के अंतर्गत किए गए विकास कार्यों का रिपोर्ट कार्ड बनाया जा रहा है।

प्रदेश के सारे विभागों का रिपोर्ट कार्ड होगा जारी

प्रदेश के सभी विभागों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा। इनमें वन, राजस्व, कृषि, स्वास्थ्य, उद्योग, चिकित्सा शिक्षा, सामाजिक न्याय, पीएचई, जल संसाधन सहित जनता से सीधा जुड़ाव रखने वाले विभागों को प्राथमिकता में रखा गया है। राजस्व देने वाले विभागों से राजस्व प्राप्ति की रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। 23 मार्च से पहले राजस्व वाले विभागों की एक बैठक भी होगी।

केंद्र की योजनाओं का मप्र को कितना मिला लाभ मिला, बताएगी सरकार

केंद्र सरकार की जन हितेषी योजनाओं का मध्य प्रदेश की जनता को कितना लाभ मिला है। इसकी जानकारी भी एकत्र की जा रही है। मुख्यमंत्री चौहान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों के बारे में बताएंगे। इनमें केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत नल से पेयजल सप्लाई वाले गांवों का रिकार्ड तैयार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण में कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ मिला, उनकी सूची जारी की जाएगी। अमृत सरोवरों की प्रगति रिपोर्ट जारी की जाएगी।

केन-बेतवा परियोजना के शुभारंभ की भी तैयारी

इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की बहुत प्रतीक्षित केन-बेतवा लिंक परियोजना के शुभारंभ की भी तैयारी की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 मार्च के कार्यक्रम में आते हैं तो केन-बेतवा परियोजना के शुभारंभ को लेकर घोषणा की जा सकेगी। इसको लेकर भी जल संसाधन विभाग तैयारी में जुट गया है।

पेसा नियम की सफलता बताएंगे मुख्यमंत्री

आदिवासियों के अधिकार बढ़़ाने के लिए प्रदेश में पेसा नियम लागू किया गया है। इससे आदिवासियों के जीवन में आए बदलाव के बारे में मुख्यमंत्री बताएंगे। इस वर्ष आदिवासियों को फोकस कर चुनाव लड़ा जाना है। ऐसे में मुख्यमंत्री आदिवासियों को साधने के लिए नई घोषणाएं कर सकते हैं। जनजातीय कार्य विभाग इसको लेकर तैयारी में जुट गया है