जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अपने एक अहम अंतरिम आदेश के जरिए वरिष्ठ व सहायक अध्यापकों की पदोन्नति पर रोक लगा दी। मामला वरिष्ठता सूची को कठघरे में रखे जाने से संबंधित है।

न्यायमूर्ति आलोक आराधे की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता अध्यापक/कर्मचारी संघ डिंडौरी की ओर से अधिवक्ता श्रीमती सुधा गौतम ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जिला व जनपद स्तर पर नियुक्त वरिष्ठ व सहायक अध्यापकों का नियोक्ता सहायक आयुक्त आदिवासी विकास होता है। जबकि नगरीय निकाय के वरिष्ठ व सहायक अध्यापकों का नियोक्ता नगरपालिका अधिकारी होता है।

इसके बावजूद इन दोनों अलग-अलग निकायों के वरिष्ठ व सहायक अध्यापकों की वरिष्ठता सूची सम्मिलित रूप से निकाल दी गई। इस वजह से नगरीय निकाय के वरिष्ठ व सहायक अध्यापकों का नुकसान हो रहा है। दरअसल, इसीलिए न्यायहित में हाईकोर्ट की शरण ली गई।

इससे पूर्व विभागीय स्तर पर आवेदन-निवेदन किया गया। जब कोई नतीजा नहीं निकला को याचिका दायर करनी पड़ी। हाईकोर्ट ने सभी बिन्दुओं पर गौर करने के बाद वरिष्ठता सूची और पदोन्नति प्रक्रिया को विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया।