लखीमपुर खीरी :सियाचीन में माइनस 55 डिग्री में 6 दिन तक 35 फीट बर्फ के नीचे दबकर जिंदा निकले हनुमनथप्पा को यूपी की एक महिला ने किडनी डोनेट करने का ऑफर दिया है। न्यूज चैनल पर जवान की खबर देखकर निधि पांडेय ने ये फैसला लिया है।
कौन हैं निधि पांडेय? क्यों डोनेट करना चाहती हैं किडनी?...
- सैनिक को किडनी देने की पेशकश करने वाली निधि पांडेय (25) लखीमपुर खीरी के भीरा थाना इलाके में गांव पड़रिया तुला की रहने वाली हैं।
- उनके पति दीपक प्राइवेट बस के मैनेजर हैं और सोशल वर्कर के तौर पर गांव में फेमस हैं। दोनों का एक तीन साल का बेटा भी है।
- गांव में किसी भी शख्स की मदद के लिए ये परिवार हमेशा तैयार रहता है।
- निधि ने बताया, "मेरे पति ने कई बार ब्लड डोनेट किया है। उन्होंने अपनी आंखें डोनेट कर दी है। मैं भी उनसे प्रेरित होकर कुछ ऐसा करना चाहती थी। न्यूज चैनल पर सियाचिन के बर्फीले तूफान से जिंदा निकले जवान के बारे में पता चला। फिर मैंने तय किया कि मैं सैनिक भाई को अपनी किडनी दूंगी, ताकि उनकी जिंदगी बच जाए।"
कोमा में है जवान, लिवर-किडनी में इंफेक्शन
- हनुमनथप्पा को रेस्क्यू के बाद जवान को जम्मू-कश्मीर से मंगलवार को दिल्ली में आर्मी के रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल लाया गया। तब से वह कोमा में है। उसके लिवर और किडनी में इन्फेक्शन है। डॉक्टर्स के मुताबिक, अगले 24 से 48 घंटे क्रिटिकल होंगे। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है।
- बता दें कि 3 फरवरी को एवलांच में एक जेसीओ समेत 10 सोल्जर्स का ग्रुप बर्फ के नीचे दब गया था।
- लांस नायक तो छह दिन बाद मिल गए, लेकिन बाकी जवानों को मृत माना जा रहा है। पांच जवानों की डेड बॉडी भी मिली है।

25 घंटे 35 फीट बर्फ के नीचे दबे रहे लांस नायक
- कई घंटों तक 35 फीट बर्फ हटाने के बाद हनुमनथप्पा तक रेस्क्यू टीम पहुंची।
- 33 साल के हनुमनथप्पा 125 घंटे से वहां थे। बाद में उनकी बॉडी में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही थी।
- वे बेहोशी की हालत में मिले। उनकी पल्स नहीं मिल रही थी।
- उनके शरीर का पानी सूख चुका था। डिहाइड्रेशन के अलावा ठंड से हाइपोथर्मिया हो गया था।
- जम्मू-कश्मीर से दिल्ली लाए जाने के बाद उन्हें आर्मी रेफरल हाॅस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
- यहां उनकी हालत नाजुक है। अगले 24 से 48 घंटे क्रिटिकल हैं। वे कोमा में हैं।
- उनका हालचाल जानने के लिए मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी भी पहुंचे।
किन दो वजहों से जिंदा रहे लांस नायक?
- 6 दिन तक जवान के जिंदा बचे रहने की दो बड़ी वजह मानी जा रही हैं। पहली- हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जवान जब बर्फ के नीचे दबा तो उसके अंदर एक एयर बबल बन गया।
- इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के प्रेसिडेंट एचएस चौहान बताते हैं- बर्फीली चट्टानों के बीच कई बार लेयर्स बन जाती हैं, जिससे एयर बबल या एयर पॉकेट क्रिएट हो जाते हैं। हनुमनथप्पा के केस में भी यही हुआ होगा। उनकी मजबूत विल पावर ने भी उन्हें जिंदा बचाए रखा, जबकि ऐसे मामलों में सर्वाइवल चांस 50 पर्सेंट ही होता है।
- फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट के कार्डियोलॉजिस्ट समीर श्रीवास्तव के मुताबिक, आम तौर पर जमा देने वाले टेम्परेचर में ही ऑर्गन ट्रांसफर किए जाते हैं या प्रिजर्व किए जाते हैं। बर्फ ही लांस नायक को जिंदा रखने में मददगार रही होगी।
- दूसरी वजह यह मानी जा रही है कि एवलांच के तुरंत बाद हनुमनथप्पा ने खुद को आर्कटिक टेंट के अंदर ढक लिया हाेगा।
- यह फाइबर से बना झोपड़ीनुमा टेंट होता है, जो आपको बर्फ में गर्म और बचाए रखता है। जवान इसे अपने साथ रखते हैं।