इंदौर। अंधेरी गली में ढाई लाख रुपए की गड्डियां बिखरी पड़ी थीं। वीर सावरकर नगर स्थित मतलानी गार्डन के पास से गुजर रहे असिस्टेंट फिजियोथैरेपिस्ट की नजर पड़ी और उसने रुपए उठाकर पुलिस को सौंपे। वहीं एक रिक्शा चालक ने भी गुजरात के तीन लड़कों का 27 हजार रुपयों से भरा बैग लौटाकर ईमानदारी की मिसाल दी।

जूनी इंदौर पुलिस के अनुसार बुधवार रात 8.30 बजे सुविधि नगर में रहने वाले नानेश्वर तायड़े (38) मतलानी गार्डन के पास से गुजर रहे थे। तभी उन्हें अंधेरे में 500-500 की पांच गड्डियां मिलीं। नानेश्वर सपना-संगीता स्थित ऋषि फिजियोथैरेपी सेंटर में असिस्टेंट थैरेपिस्ट हैं।

उसने रुपए उठाकर साथी डॉक्टर को बताया। साथी ने यह जानकारी अपने मित्र एमजी रोड टीआई मनोज रत्नाकर को दी। रत्नाकर ने उन्हें जूनी इंदौर थाने पहुंचने को कहा। नानेश्वर ने पुलिस को रुपया जमा करवाया। अब पुलिस उक्त रुपयों के मालिक की तलाश कर रही है।

रिक्शा वाला भी निकला ईमानदार

जबरन कॉलोनी रहवासी रिक्शा चालक रफीक (39) पिता शेरखान ने भी बुधवार को ईमानदारी की मिसाल पेश की। रफीक ने शाम पौने 6 बजे लालबाग शराब दुकान से भरूच (गुजरात) के तीन लड़कों को बैठाया। उनके पास एक बैग था। तीनों सी 21 माल के बाहर उतरे। रिक्शा वाला भी वहां से निकल गया। बाद में उसने देखा कि रिक्शा में एक बैग रखा है। वह दोबारा सी 21 मॉल गया और उन लड़कों को ढूंढा।

नहीं मिलने पर उसने जूनी इंदौर थाने पर संपर्क किया। बैग में 27500 रुपए और दो मोबाइल रखे थे। बैग मिलते ही जूनी इंदौर पुलिस ने पूरे शहर में प्रसारण करवाया। थोड़ी देर बाद तीनों लड़के विजय नगर थाने पहुंचे और घटना बताई। विजय नगर पुलिस ने उन्हें जूनी इंदौर थाने भेजा। बाद में उन्हें रिक्शा चालक भी मिला और उसने बैग सौंपकर तीनों को बस स्टैंड छोड़ा।