ग्वालियर। भाईदूज पर 2500 से अधिक बंदियों के माथे पर टीका लगाकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करने के लिए 7 हजार से अधिक बहनें व उनके परिजन जेल में पहुंचे। जेल परिसर में लगे सफेद रंग के टेंट पर मुलाकात करने के लिए आने वाली महिलाओं की नजरें टिकीं थीं। इस टेंट के आसपास सख्त पहरा था। इस टेंट के पास जाने व इसमें मौजूद लोगों से किसी को बात करने की इजाजत नहीं थी। इस टेंट में व्यापमं घोटाले से जुड़े आरोपियों की उनके परिजनों से मुलाकात कराने की व्यवस्था की गई थी।

सेंट्रल जेल में व्यापमं कांड से जुड़े 150 से अधिक आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। इन लोगों को जमानत मिलने का इंतजार है। बंदियों में ग्वालियर-चंबल अंचल का पीएमटी कांड का मास्टर माइंड दीपक यादव भी है। व्यापमं घोटाले से जुड़े लोगों की संदिग्ध हालातों में मौत होने पर मचे हंगामे के बाद जेल में इनकी सुरक्षा के इंतजाम अलग से किये गए। इन आरोपियों को एक बैरक में रखा गया है। मुलाकात के लिए व्यापमं कांड के आरोपियों के लिए सफेद टेंट अलग से लगाया गया था। इसी टेंट में आरोपियों के परिजनों की मुलाकात की व्यवस्था की गई थी।

किसी को बात करने की भी इजाजत नहीं थी-

टेंट में मौजूद आरोपियों से किसी को बात तक नहीं करने दी गई। टेंट में व्यापमं घोटाले से जुड़े आरोपियों के परिजनों को ही जाने की इजाजत थी। मीडिया को भी इस टेंट से दूर रखा गया। जेल में रिपोर्टिंग के लिए गए प्रत्येक मीडियाकर्मी की निगरानी के लिए एक प्रहरी लगाया गया था, ताकि कोई इनसे बात नहीं कर सके और इनका फोटो अपने कैमरे में कैद नहीं कर सके।

7000 से अधिक बहनें जेल पहुंचीं- बहनों के लिए जेल के मेन गेट को शुक्रवार की सुबह 9 बजे ही खोल दिया गया था। शाम 6 बजे तक 7 हजार से अधिक बहनें आखों में आंसू लेकर भाइयों के माथे पर तिलक करने के लिए पहुंचीं। इन बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक कर ईश्वर से एक ही कामना की कि फिर कभी अपने भाई को तिलक करने के लिए जेल में नहीं आना पड़े।

3 पॉइंटों पर चेक किया बहनों का सामान- जेल में भाईदौज पर खाने का सामान साथ ले जाने की छूट रहती है। इसलिए जेल में मुलाकात करने के लिए आने वालीं बहनें पकवान के साथ भाइयों की रोजमर्रा की जरूरत का सामान साथ लेकर आईं थीं। इस सामान में कोई हथियार, मोबाइल व नशीला पदार्थ जेल के अंदर नहीं पहुंच जाए, इसके लिए सामान की बारीकी से जांच की गई। जेल में सुबह से ही बंदियों के परिजनों की लंबी कतार लगी रही।

ट्रैफिक को भी रोका गया- सेंट्रल जेल पर मुलाकात करने वालों की अधिक भीड़ होने के कारण मानसिक आरोग्यशाला के पास ही चार पहिया व दोपहिया वाहनों को रोक दिया था। जेल के अंदर प्रहरी व्यवस्था संभाल रहे थे और बाहर बहोड़ापुुर व ट्रैफिक पुलिस मौजूद थी।