लंदन : भारत में असहिष्णुता को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सरकार नागरिकों के सामान्य जीवन की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है। हम नागरिकों के खिलाफ हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ शिखर वार्ता के बाद गुरुवार को साझा बयान के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत बुद्ध और महात्मा गांधी की धरती है। हम प्रत्येक नागरिक की स्वतंत्रता की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। सभी के विचारों की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। भारतीय मूल्यों के खिलाफ कोई बात हमें स्वीकार नहीं है।

मोदी ने कहा कि देश में घटने वाली हर घटना गंभीर है। सरकार इस तरह के मामलों में कठोरता से कार्रवाई करती है। ब्रिटेन की तीन दिवसीय यात्रा पर लंदन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ 10 डाउनिंग स्ट्रीट में द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान आतंकवाद, असैन्य परमाणु करार जैसे मुद्दों पर कई अहम समझौते हुए।

200 लेखकों ने लिखा था कैमरन को पत्र
इससे पहले सलमान रश्दी सहित 200 से अधिक लेखकों ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली अपनी बातचीत के दौरान भारत में बढ़ते भय के वातावरण और बढ़ती असहिष्णुता का मुद्दा उठाएं। यह पीईएन इंटरनेशनल की ओर से एक महीने से कम समय में दूसरा ऐसा पत्र है। कैमरन को लिखे पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में बुकर पुरस्कार से सम्मानित रश्दी, हाल में बुकर पुरस्कार के लिए चुने गए भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक नील मुखर्जी, इयान मैकइवान और हरी कुंजरू जैसे नाम शामिल हैं। कैमरन को लिखे गए इस पत्र में यह सुनिश्चित करने की मांग की गई है कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा हो।