ग्वालियर। किशनबाग के सर्वे क्रमांक 6 की सरकारी जमीन पर प्लाट बताकर 1 करोड़ 24 लाख रुपए में इनके विक्रय का अकबर खां के साथ अनुबंध करने के मामले में आरोपी मुन्नालाल शर्मा के अग्रिम जमानत आवेदन को अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया है। पूर्व पुलिस अधिकारी नारायण शर्मा और हनुमंत सिंह के साथ मिलकर आरोपियों ने अनुबंध कर 20 लाख रुपए फरियादी से ले लिए थे।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीशचन्द शर्मा ने आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि आरोपियों ने शासकीय जमीन को कूटरचित दस्तावेजों की सहायता से बेचने का प्रयास किया है।आरोपी के कृत्य को देखते हुए उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। आरोपीगण के खिलाफ बहोड़ापुर थाने में भादसं की धारा 420, 467, 468, 471 तथा 506 का मामला दर्ज किया गया है।

पैसे मांगे तो जान से मारने की धमकी दी

फरियादी अकबर खां द्वारा एसपी ग्वालियर को आवेदन दिया कि आरोपी नारायण शर्मा व हनुमंत सिंह से उनके दो प्लॉट क्रमांक 24 व 24 सी किशन बाग बहोडापुर को क्रय किए जाने के लिए लिखित अनुबंध 9 मई 2013 को किया था।

इनके प्रतिफल के रूप में 6.20 लाख रुपए नकद नारायण शर्मा, हनुमंत सिंह, शहजाद खां व मुन्नालाल शर्मा ने उससे प्राप्त किए और 9.80 लाख रुपए उसने चैक के माध्यम से दिए। लेकिन इसके बाद उन्होंने उसके पक्ष में प्लॉट्स की रजिस्ट्री नहीं की।

प्लॉट्स की रजिस्ट्री नहीं करने पर जब पैसे मांगे तो आरोपी उसे जान से मारने की धमकी देने लगे। एसपी के आदेश पर मामले की बहोड़ापुर पुलिस द्वारा जांच की गई। जिसमें आरोपी नारायण शर्मा, हनुमंत सिंह, शहजाद व मुन्नालाल शर्मा ने दोनों प्लॉट अपने बताकर 1.24 करोड़ रुपए में अनुबंध किया और 20 लाख रुपए प्राप्त किए। इस मामले में फरियादी की ओर से एडवोकेट केपीएस सेंगर का कहना था कि आरोपियों ने सरकारी जमीन को जिस प्रकार से कूट रचित दस्तावेजों से अपना बताया है उससे यह अपराध गंभीर है।