नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग में आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा और बीजेपी विधायक ओपी शर्मा के बीच विवाद की सुनवाई में दोनों फिर एक-दूसरे पर आरोप लगाते दिखे। इस सुनवाई में पहली बार आयोग के दफ्तर पहुंचे बीजेपी विधायक ने आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है। वहीं अलका लांबा ने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक सुनवाई के दौरान ही निकल कर चले गए, जबकि उन्हें पूरी सुनवाई तक रहना चाहिए था। उन्हें आयोग की कद्र करनी चाहिए थी। एक बार फिर लांबा ने आयोग को और पावर दिए जाने की बात दोहराई। वहीं इस मामले में कश्मीरी गेट के एसएचओ ने अपने वकील को भेजा था। वकील ने अगले डेट की मांग की तो आयोग ने उन्हें 24 अगस्त को होने वाली सुनवाई में पेश होने को कहा है। साथ ही तीन घंटे के सीसीटीवी फुटेज को साथ लाने को कहा है।

ओपी शर्मा ने लगाया आरोप

लगभग तीन बजे आयोग के दफ्तर पहुंचे ओपी शर्मा लगभग आधे घंटे तक सुनवाई में रहे। बाहर निकलने के बाद उन्होंने कहा कि आयोग का रवैया सही नहीं है, पक्षपात किया जा रहा है। मैं संवैधानिक महत्व को समझते हुए आयोग आया था। वहीं इससे पहले आयोग की तरफ से सोमनाथ भारती और कुमार विश्वास को नोटिस गया था, लेकिन उनकी तरफ से कोई नहीं आया। उन्होंने एक बार फिर कहा कि उन्होंने गुंडा कह कर कोई गलती नहीं की है। ओपी शर्मा ने कहा कि अगर किसी के घर में कोई जबरदस्ती घुस आए और तोड़फोड़ करे तो उसके लिए कौन-सा शब्द यूज किया जाता है। वहीं आयोग ने ओपी शर्मा को फ्रेश नोटिस जारी किया है और 27 अगस्त को आने के लिए कहा है। साथ में अलका को ड्रग एडिक्ट कहने पर आयोग ने ओपी शर्मा को सबूत पेश करने को कहा है।