इस साल खरीफ की फसल में कई चीजों की बुवाई बेहतर हुई है तो तिलहन में कमी देखी जा रही है।केयर रेटिंग के मुताबिक 10 सितंबर तक के आंकड़ों के हिसाब से पिछले साल के 1107 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अभी तक 1097 लाख हेक्टेयर ही बुवाई हो पाई है। इसमें एमएसपी बढ़ने का असर भी दिख रहा है। धान की फसल 1.6 हेक्टेयर, दलहन की फसल 2.66 हेक्टेयर ज्यादा बोई गई है। दलहन की ज्यादा बुआई से मूंग, अरहर और उड़द की दाल का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा गन्ने की बुआई भी 0.74 लाख हेक्टेयर ज्यादा देखी गई है।

मूंगफली की बुआई 3.2 लाख हेक्टेयर घटी

इसके अलावा मोटे अनाज की बात की जाए को इनका रकबा 4.42 लाख हेक्टेयर घटा है। इसमें बाजरे की फसल की बुआई घटी है। साथ ही कपास का रकबा 7.3 लाख हेक्टेयर घटा है। इससे टेक्सटाइल उद्योग का कच्चामाल महंगा होने की आशंका है। तिलहन की बात की जाए तो मूंगफली की बुआई 3.2 लाख हेक्टेयर घटी है। सोयाबीन की फसल जरूर लक्ष्य के हिसाब से है। देश में जिस हिसाब से 55-60 फीसदी खाने का तेल आयात किया जाता है मूंगफली का कम उत्पादन मुश्किल पैदा कर सकता है।