करौली। करौली जिला मुख्यालय के बहुचर्चित नैतिक बंसल अपहरण और हत्याकांड के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बीना गुप्ता ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 110000 के अर्थदंड से दंडित किया है। सहआरोपी का करौली बाल न्यायालय में ट्रायल जारी है। परिवादी की ओर से अधिवक्ता मिथिलेश पाल एवं लोक अभियोजक महेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि करौली के हिण्डौन दरवाजा क्षेत्र स्थित हटीला की छतरी निवासी नैतिक बंसल पुत्र दिलीप बंसल उम्र 12 वर्ष का 25 फरवरी 2018 को सुबह 10 बजे अपहरण हो गया था। परिजनों ने करौली कोतवाली में बालक के गुम होने की सूचना दी। पुलिस को जांच पड़ताल में 6 मार्च को मंडरॉयल रोड स्थित एक पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज में रामसिंह उर्फ बबलू कोली एवं उसका नाबालिग पुत्र नैतिक बंसल को मोटर बाइक पर बैठाकर मंडरायल की ओर ले जाता दिखा। पुलिस ने आरोपी को 6 मार्च गिरफ्तार कर लिया।
  पूछताछ के बाद आरोपी ने लोगों का कर्ज चढ़ा होने के कारण फिरौती के लिए अपहरण व जंगल में हत्या कर शव पटकना स्वीकार किया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर बालक के सिर के बाल, एक पत्थर पर लगा खून, कपड़े एवं चप्पल बरामद किये। हालांकि बालक का शव नहीं मिल सका। मामले में पुलिस ने राम सिंह उर्फ बबलू को मुख्य आरोपी व उसके पुत्र को सह आरोपी बनाया। इसके बाद लगभग ढाई साल तक कोर्ट में चले ट्रायल में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बीना गुप्ता ने आरोपी को दोषी करार दिया। आरोपी को धारा 302 में आजीवन कारावास व 50000 के अर्थदंड से दंडित किया है। इसके साथ ही धारा 363 एवं 201 में सात-सात वर्ष कठोर कारावास व 30-30 हजार के अर्थदंड से भी दंडित किया है।