
जयपुर. राजस्थान पंचायतराज चुनाव (Rajasthan Panchayat Raj Elections) में टिकट की आस ने गांव के नेताओं की नींद उड़ा रखी है. जयपुर का बीजेपी (BJP) कार्यालय नेताओं के साथ समर्थकों से अटा हुआ है. सोमवार को पहले दौर के नामांकन की आखिरी तारीख है. ऐन वक्त तक टिकट हासिल करने के लिए समर्थकों ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. इस दौरान कईयों के सब्र का बांध टूटता दिखाई दे रहा है. 6 जिला परिषद और 78 पंचायत समितियों के लिए होने वाले चुनाव में बीजेपी आखरी वक्त तक पत्ते खोलेगी. माना जा रहा है कि पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा उन्हीं की करेगी जहां उसे भीतरघात का खतरा नहीं है.
भरतपुर से लेकर जोधपुर तक के गांव इस वक्त चुनावी रंग में रंगने को तैयार हैं. जनता उम्मीदवारों का इंतजार कर रही है तो दावेदार जयपुर में नेताओं के चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं. बीजेपी कार्यालय के भीतर और बाहर टिकट के तलबगारों का रैला लगा है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ जयपुर के प्रभारी हैं. रविवार को वे पार्टी कार्यालय पहुंचे तो दावेदारों की भीड़ इतनी उमड़ी कि भीतर का दरवाजा तक बंद करवाना पड़ा. नेता और उनके समर्थक टिकट की गारंटी चाहते हैं. राठौड़ बीजेपी कार्यालय में उमड़ी भारी भीड़ को पार्टी की जीत की गारंटी करार दे रहे हैं.
जाति और वर्ग का संतुलन देखकर टिकट देंगे
पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी के पास दौसा की जिम्मेदारी है. दावेदार उनको खुश करने के लिए उनकी बड़ी तस्वीर ले आये. जीत के दावे करने लगे. पंच पटेलों ने प्रभुलाल के सामने अपने दावेदारों को जिताने की कसमें खाईं. इस पर प्रभुलाल बोले जाति और वर्ग का संतुलन देखकर टिकट देंगे. पार्टी जीताऊ उम्मीदवार पर ही दांव लगायेगी.
कई कार्यकर्ता बिफरे
इस बीच बीजेपी कार्यालय में जमा भीड़ में कई नेताओं का पारा गरम होता दिखाई दिया. नेताओं को तवज्जो नहीं मिलते देख कई कार्यकर्ता बिफरते नजर आये. उन्होंने नेताओं को भला बुरा कहने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. रणनीति के तहत पार्टी कांग्रेस के टिकटों का भी इंतजार कर रही है ताकि उसके मुकाबले मजबूत उम्मीदवार पाले में उतारा जा सके. पिछली बार बीजेपी ने पंचायतीराज चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह पटखनी दी थी. 21 में से 14 जिलों की जिला परिषदों में कमल खिला था. पार्टी वैसे ही नतीजे की उम्मीद कर रही है. लेकिन उसके उम्मीदवारों का चयन ही तय करेगा कि मैदान में कौन जिताऊ है और कौन टिकाऊ.