पीएम मोदी द्वारा मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय शुरू कराते ही संसद में हंगामा
सदन के पटल पर रखना पड़ा प्रधानमंत्री नोदी को नये मंत्रियों के परिचय का विवरण 


नई दिल्ली| संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा में प्रश्नकाल नहीं चल सका और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय शुरू कराते ही कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों की नारेबाजी के बाद सदन की बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इस पर प्रधानमंत्री ने विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, ​आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता। लेकिन कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि दलित, आदिवासी, ओबीसी और महिला मंत्रियों का यहां परिचय कराया जाए।
    लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से शांत होने और मंत्रियों का परिचय होने देने की अपील की। हंगामे के बीच प्रधानमंत्री ने नये मंत्रियों के परिचय का विवरण सदन के पटल पर रखा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने 24 वर्षों के संसदीय जीवन में संसद में पहले कभी ऐसा नहीं देखा कि प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल विस्तार की जानकारी देने के दौरान हंगामा हुआ हो। आज सदन की परंपरा को तोड़ा गया है, उन्होंने कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी को दु:खद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। लोकसभा अध्यक्ष ने इसके बाद प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच उन्होंने बैठक को पूर्वाह्न 11:35 बजे दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इन सबके बीच दोनों सदनों में नए सदस्यों को सदस्यता दिलवाई गई। लोकसभा में दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि दी गई। शिरोमणि अकाली दल ने कृषि कानूनों के खिलाफ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बताया, देश के किसान इंसाफ चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सारी पार्टी एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ी हों और कानून वापस लेने का दबाव डालें।

विपक्षी दलों के स्थगन प्रस्ताव: 
विपक्षी दलों द्वारा सत्र शुरू होने से पहले ही स्थगन प्रस्ताव दिए गए हैं और कई मसलों पर चर्चा करने की मांग की गई है। कोरोना मैनेजमेंट, पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दाम समेत अन्य मसलों पर संसद में चर्चा के लिए नोटिस दिया गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा संसद में कोरोना संकट पर चर्चा की मांग की गई है। सांसद मनोज झा ने नोटिस देकर कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों पर चर्चा करने को कहा है। इनके अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा कई मसलों पर चर्चा कराने की मांग की गई है। इनमें पेट्रोल, डीज़ल के बढ़ते दाम, कृषि कानून, वैक्सीनेशन, अर्थव्यवस्था जैसे मसले शामिल हैं। आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान द्वारा लोकसभा में कृषि कानून और किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया जाएगा. भगवंत मान ने इस मसले पर नोटिस दिया है। 

संसद में गूंजेगा पैजसस हैकिंग विवाद:
फोन टेपिंग के मसले पर नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में है। सदन में हम ये मुद्दा उठाएंगे और सरकार की इस पर जवाबदेही बनती है। संसद में पैजसस हैकिंग विवाद गूंजेगा। अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा दावा किया गया है कि पैजससs सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से भारत में कई पत्रकारों, नेताओं और अन्य लोगों के फोन हैक किए गए थे। इस खुलासे के बाद सियासी पारा गरम है। विपक्षी पार्टियों द्वारा लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में इस विषय पर चर्चा की मांग की गई है और स्थगन प्रस्ताव दिया गया है
 
विपक्ष के नेता तीखे से तीखा सवाल पूछें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद में कोरोना नियमों का पालन करें। अब तक 40 करोड़ लोग कोरोना में बाहुबली बन चुके हैं. इस महामारी ने पूरी मानव जाति को चपेट में लिया है। हम चाहते हैं कि इस सत्र में सार्थक चर्चा हो, ताकि महामारी से लड़ाई में नया पन आ सके। पीएम ने कहा कि मैं चाहता हूं कि विपक्ष के नेता तीखे से तीखा सवाल पूछें, लेकिन सरकार को भी जवाब देना मौका दें।

राज्यसभा ने दिलीप कुमार व मिल्खा सिंह को दी श्रद्धांजलि:
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्यसभा ने प्रख्यात अभिनेता दिलीप कुमार और महान धावक मिल्खा सिंह सहित 13 लोगों तथा दो वर्तमान सदस्यों-रघुनाथ महापात्र एवं राजीव सातव को श्रद्धांजलि दी। सभापति एम वेंकैया नायडू ने इन दिवंगत लोगों के निधन का जिक्र किया और सदन की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी। सदस्यों ने दिवंगत लोगों के सम्मान में कुछ क्षणों का मौन रखा। इनमें से 10 लोग पूर्व सदस्य थे। नायडू ने यूसुफ सरवर खान उर्फ दिलीप कुमार के निधन का जिक्र करते हुए कहा कि उनका अभिनय सफर करीब पांच दशक लंबा रहा और उन्होंने करीब 65 फिल्मों में काम किया। उनकी प्रमुख फिल्मों में देवदास, नया दौर, मुगले आजम, गंगा जमुना आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार को कई सम्मान मिले जिनमें अभिनय के लिए आठ फिल्म फेयर पुरस्कार शामिल है। उल्लेखनीय है कि दिलीप कुमार ने उच्च सदन में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया था। नायडू ने मिल्खा सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें बचपन में काफी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा और देश के विभाजन के समय उनके माता-पिता की मृत्यु हो गयी थी और वह अनाथ हो गए। उन्होंने कहा कि बाद में वह सेना में शामिल हुए और उनके जीवन में नया मोड़ आया। उन्हें 1956 में मेलबर्न ओलंपिक के लिए भारतीय दल में शामिल किया गया और उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। नायडू ने कहा कि फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह को कई सम्मान मिले। सदन ने अपने पूर्व सदस्यों एन एम कांबले, भगवती सिंह, बलिहारी बाबू, अजीत सिंह, मतंग सिंह, जितेंद्र भाई भट्ट, रामेंद्र कुमार यादव रवि, जगन्नाथ पहाड़िया व शांति पहाड़िया को भी श्रद्धांजलि दी। दो वर्तमान सदस्यों- महापात्र एवं सातव के सम्मान में सदन की बैठक एक घंटे के लिए दोपहर 12 बजकर 24 मिलट तक के लिए स्थगित कर दी गयी।