नई दिल्ली। पत्रकार से बदसलूकी मामले में रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि अगर मामले में न्यूज एजेंसी की ओर से शिकायत मिलती है तो सरकार कार्रवाई करेगी, वहीं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कानून अपना काम करेगा. जबकि पूरे मामले में कांग्रेस ने 'दामाद जी' का बचाव किया है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मीडिया को दी नसीहत दी है तो कई अन्य ने कहा कि किसी के पीछे पड़े रहना उचित नहीं है.

शनिवार रात वाड्रा ने पत्रकार से बदसलूकी की तो रविवार दोपहर सोनिया गांधी 'दामाद जी' से मिलने पहुंची . इससे पहले कांग्रेस का कोई भी नेता मामले में कुछ भी बोलने से बच रहा था, लेकिन इस मुलाकात के ठीक बाद कांग्रेस के कई नेता वाड्रा का समर्थन करते दिखे. कांग्रेस ने रविवार को कहा कि बार-बार किसी व्यक्ति के पीछे पड़ना उचित नहीं है और मीडिया को निजी समारोहों में सवालों की अप्रिय तरीके से बौछार करने से बचना चाहिए जैसा कि वाड्रा के साथ हुआ.

पार्टी ने कहा कि मीडिया के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी नोंकझोंक हुई है, जब वह मुख्यमंत्री थे और वाड्रा मामले में पूरे घटनाक्रम को कुछ कारणों से राजनीतिक एजेंडा के तौर पर पेश किया जा रहा है जिसे ना तो निष्पक्ष कहा जा सकता है और ना ही उचित. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'भारतीय संविधान और हमारे स्थापित लोकाचार सभी लोगों को निजता का अधिकार, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आजादी देते हैं और ऐसा तब और भी ज्यादा होता है जब कोई व्यक्ति ना तो सार्वजनिक जीवन में है और ना ही किसी सार्वजनिक पद पर है.'

सुरजेवाला ने कहा कि किसी मुद्दे पर बार बार किसी व्यक्ति के पीछे पड़ना उचित नहीं है जिस मुद्दे को चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक निकाय ने और हाई कोर्ट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्णायक रूप से खारिज कर दिया है. कांग्रेस ने पीएम मोदी का उदाहरण दिया

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि वाड्रा के खिलाफ बीजेपी के एक समर्थक की जनहित याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था, 'हम किसी की छवि महज इसलिए नहीं खराब होने देंगे क्योंकि वह किसी नेता से संबंधित है. आप उन्हें पापी नहीं कह सकते.' प्रवक्ता ने कहा, 'मैं बीजेपी के नेताओं और मीडिया के दोस्तों को याद दिलाना चाहता हूं कि मौजूदा प्रधानमंत्री और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने किस तरह एक जानेमाने पत्रकार के साथ पहले से तय इंटरव्यू को छोड़ दिया था और माइक हटा दिया था, जिन्होंने उनसे गुजरात दंगों के बारे में सवाल पूछ लिए थे.' उन्होंने गुजरात दंगों के बारे में ऐसे ही सवाल पूछने पर दो वरिष्ठ पत्रकारों के साथ मोदी के बर्ताव का भी जिक्र किया.

कानून अपना काम करेगा: खट्टर
दूसरी ओर, पूरे मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राज्य में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी से जुड़े जमीन सौदों के सिलसिले में कानून अपना काम करेगा. मामले में जब हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से पूछा गया तो उन्होंने अंबाला में कहा, 'जब किसी को कुछ छिपाना होता है तभी वह इस तरह से प्रतिक्रिया व्यक्त करता है और नाराजगी दिखाता है. मीडिया केवल अपना काम कर रहा है क्योंकि सवाल पूछना और सच सामने लाना उसकी जिम्मेदारी है.

क्या था मामला
गौरतलब है कि शनिवार रात दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में एएनआई के पत्रकार ने रॉबर्ट वाड्रा से लैंड डील पर सवाल दाग दिए. जिससे बौखलाए जमाई राजा ने पत्रकार के माइक पर हाथ दे मारा और काफी भला-बुरा कहा.

वाड्रा की सफाई
रॉबर्ड वाड्रा की तुनकमिजाजी की तस्वीर मीडिया में सामने आते ही खबर जंगल में लगी आग की तरह फैली. खुद को फंसता देख रॉबर्ट वाड्रा ने भी तुरंत मामले में अपनी ओर से सफाई पेश की. कहा कि उन्हें पता ही नहीं था कि पत्रकार किसी न्यूज एजेंसी का है. हालांकि वाड्रा ने अपनी ओर से स्पष्टीकरण जरुर दे दिया है लेकिन संयम और व्यवहार की सीमा रेखा लांघने की उनकी इस हिमाकत को इतनी आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.


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