
नई दिल्ली । जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित वायुसेना स्टेशन पर विस्फोटकों से लदे दो ड्रोनों के गिरने के बाद हुए धमाके के मामले में रविवार को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। ब्लास्ट के बाद जांच एजेंसियों मौके पर भी पहुंच गई हैं। जांच अधिकारियों ने हमले के पीछे पाकिस्तान आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के हाथ होने की आशंक जताई है। हमले के बाद पूंछ समेत कई जिलों में हाई अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। जांच में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि रविवार सुबह जम्मू हवाईअड्डे पर हुए हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद का हाथ हो सकता है। सूत्र ने यह भी कहा कि संगठन को किसी अन्य संस्था से समर्थन मिला हो सकता है क्योंकि हमला पाकिस्तानी सेना या आईएसआई की सक्रिय भागीदारी के बिना नहीं हो सक अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए संकेत दिया कि यह मामला आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच करने वाली एजेंसी एनआईए द्वारा अपने हाथों में लिए जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि बीती रात जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन गिरे हैं। उनका कहना था कि ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि पाकिस्तान के संदिग्ध आतंकवादियों ने हमले में मानवरहित यान का इस्तेमाल किया है। अधिकारियों के अनुसार रात एक बजकर 40 मिनट पर छह मिनट के अंतराल पर हुए दो धमाकों में वायुसेना के दो कर्मी घायल हो गये। शहर के सतवारी क्षेत्र में पहले विस्फोट से हवाई अड्डे के तकनीकी क्षेत्र में एक इमारत की छत ढह गई। इस स्थान की देखरेख की जिम्मेदारी वायुसेना की है और दूसरा विस्फोट छह मिनट बाद जमीन पर हुआ। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने इस घटना को 'आतंकवादी हमला करार दिया है।