
सिविल अस्पताल में धूल खा रही है सोनोग्राफी मशीन, सोनोग्राफर की भी दरकार
रायसेन जिले के मंडीदीप में गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी की सुविधा देने करीब साढे चार साल पहले पीएण्डजी कम्पनी में 13 लाख की सोनोग्राफी मशीन सिविल अस्पताल को भेंट की थी। लेकिन विभाग की लापरवाही से यह मशीन अब तक चालू ही नहीं हो पाई है। यहां एक संविदा रेडियोलाॅजिस्ट नियुक्त किया गया, परन्तु उन्होंने चार्ज लेने से मना कर दिया और बीएमओ पर प्रताडना का आरोप लगाया है। मामले में आयोग ने आयुक्त/संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, भोपाल तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रायसेन से 15 दिन में जवाब मांगा है। आयोग ने इनसे यह भी पूछा है कि क्या सोनोग्राफी मशीन साढे चार वर्षाें से उपयोगहीन ही पड़ी है ? क्या इस दौरान उसके रखरखाव की कोई व्यवस्था की गई थी ? सोनोग्राफर (टेक्निशियन) की पदस्थापना क्यों नहीं की गई है ? क्या सोनोग्राफी मशीन के संचालन हेतु अस्थाई रूप से किसी प्रायवेट व्यक्ति/सेंटर की तकनीकी सेवाएं ली जाना संभव है ?