वृद्धावस्था पेंशनः एक साल में खर्च नहीं हो सके 288 करोड़

प्रमुख सचिव और संचालक सामाजिक न्याय तीन सप्ताह में दें जवाब

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने बीते एक वर्ष में वृद्धावस्था पेंशन योजना की 288 करोड़ रूपये की राशि वितरित नहीं होने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग, मंत्रालय तथा संचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। आयोग ने इनसे यह भी पूछा है कि भोपाल में कितने व्यक्ति वृद्धावस्था पेंशन, निःशक्तजन पेंशन तथा विधवा पेंशन के लिये पंजीकृत हैं ? इनमें से कितने व्यक्तियों को ऐसी पेंशन नियमित रूप से प्रतिमाह मिल रही है और कितनों की पेंशन बकाया है और कितनी अवधि से बकाया है ? पेंशन राशि प्रतिमाह समय पर नियमित रूप से क्यों नहीं मिल रही है ? मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में साठ साल से अधिक आयु के वृद्धजनों की संख्या 15 लाख 69 हजार से ज़्यादा है। सरकार इन्हें हर माह 600 रूपये पेंशन तो दे रही है, लेकिन दो साल मंे इनकी संख्या में तो कोई अन्तर नहीं आया है, लेकिन बजट में भारी भरकम अंतर देखने को मिला है। यानि वर्ष 2019-20 में जहां पेंशन पर 1017 करोड़ रूपये खर्च हुये, वहीं साल 2020-21 में 729 करोड़ रूपये ही खर्च हुये हैं, जिसको लेकर सवाल खडे़ हो गये हंै। यह स्थिति अकेले वृद्धावस्था पेंशन की नहीं, बल्कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन और इंदिरा गांधी निःशक्तजन पेंशन की भी यही स्थिति सामने आई है। इसके विपरीत सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में 600 रूपये हर माह पेंशन देती है। साल 2019-20 में 23 लाख 46 हजार 906 लोगों को 879 करोड़ 36 लाख रूपये की पेंशन बांटी गई, जबकि वर्ष 2020-21 में 25 लाख 23 हजार 507 लोगों को पेंशन का लाभ मिला। बीते माली साल में 740 करोड़ 50 लाख रूपये सामाजिक सुरक्षा पेंशन बांटी गई है।