जबलपुर। जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल में अब हर दिन नया मोड़ आ रहा है. जहां एक तरफ शासन, मेडिकल प्रशासन और हड़ताली छात्रों के बीच विवाद हर दिन बढ़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ मेडिकल अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था दम तो़ड़ रही है. मरीजों में हाहाकार की स्थिति है. रविवार को जहां जूडा ने स्टेथेस्कोप छोड़कर भीख मांगकर अपना विरोध दर्ज कराया तो दूसरी तरफ जूडा के खिलाफ हाईकोर्ट की अवमानना पर लगाई गई याचिका की सुनवाई आज हो सकती है. जहां जूनियर डॉक्टर्स अपनी मांग को जायज बताते हुये मैदान में अड़े है, वहीं सरकार भी फिलहाल छुकती दिखाई नहीं दे रही है. गौरतलब है की सरकार ने जूनियर डॉक्टर्स को नोटिस देते हुए सीट छोड़ने के एवज में ३० लाख रुपये जमा करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए जूनियर डॉक्टर ने कहा कि हमारी जो मांगे हैं, वह जायज है। बावजूद इसके राज्य सरकार हमसे अब सीट लीविंग बॉण्ड के पैसे मांग रही है। जिसके लिए हम सड़क पर उतर कर भीख मांग रहे हैं। बीते दिनों हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टर को काम पर लौटने के निर्देश दिये थे. लेकिन जूडा हड़ताल जारी रही. जिसके बाद सरकार के निर्देश पर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने छात्रों का नामांकन रद्द कर दिया. जिससे खफा होकर जूडा ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद सरकार ने भी तमाम डॉक्टरों को बॉन्ड के अनुरूप ३० लाख रूपए देने का फरमान सुनाया है। जबलपुर मेडिकल कॉलेज में राज्य सरकार के इस नोटिस का जवाब देते हुए जूडा ने जबलपुर शहर की सड़कों में उतर कर भीख मांगकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
हाईकोर्ट आज हो सकती है सुनवाई.............
समाजसेवी डॉ. एमए खान ने जूडा के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की है. जिसमें जूनियर डॉक्टरों द्वारा हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करने पर कार्यवाही की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है की हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी जूनियर डॉक्टर काम पर नहीं लौटे हैं. राज्य सरकार द्वारा जूडा पर कार्रवाई नहीं करने को भी याचिका में चुनौति दी गई है. याचिका में हड़ताल की वजह से मरीजों की परेशानियों का भी हवाला दिया गया है. इस अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई हो सकती है.