मुंबई। भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई अंपायर डेरेल हेयर के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जतायी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि एशिया के शीर्ष स्पिनर सकलैन मुश्ताक (पाकिस्तान), मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका) और हरभजन चकर्स के रोल मॉडल (आदर्श) हैं।

हेयर ने सोमवार को सिडनी मार्निंग हेराल्ड से कहा, 'मैंने करीब 20 साल पहले ही कहा था कि अगर अभी संदिग्ध एक्शन वाले गेंदबाजों के खिलाफ कुछ नहीं किया गया तो अगली पीढ़ी में ऐसे गेंदबाजों की भरमार होगी। वे हरभजन सिंह, सकलैन मुश्ताक और मुरलीधरन का अनुसरण करेंगे और यह एक बड़ी समस्या होगी। आइसीसी के पास 1995 में चीजों को साफ सुथरा करने का मौका था और उन्हें अंतत: उस राह पर आने में 19 साल का समय लग गया। अब वे चाहते हैं कि चकर्स को खेल से बाहर कर दिया जाए।'

35 वर्षीय हरभजन ने कहा, 'यह बर्दाश्त से बाहर है। हमने अपनी हद नहीं लांघी थी, लेकिन अब हेयर उसे लांघ रहे हैं। लगता है कि उनका दिमाग ठिकाने नहीं है।' गुस्से से भरे हरभजन ने कहा कि हमारा एक्शन आइसीसी दी गयी छूट के अंदर था। मुरलीधरन और मुझे एक से ज्यादा बार आइसीसी ने क्लीन चिट दी थी। उसके बाद हेयर ने मेरी गेंदबाजी पर कोई आपत्ति क्यों नहीं जतायी। क्या उन्हें तब इस बात का डर था कि वह आइसीसी अंपायर का अपना काम गंवा देेंगे। हम आइसीसी के दामाद नहीं थे।' हभरजन का पहली बार 1999 में इंग्लैंड में और दूसरी बार 2005 में पर्थ में परीक्षण किया गया था, जिसमें वह सफल रहे थे।

उन्होंने कहा, 'आज के गेंदबाज 'दूसरा' डालना चाहते हैं, जिसकी ईजाद हमने की थी। इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि तय सीमा से ज्यादा कोहनी मोड़ी जाए। 'दूसरा' को बिना ज्यादा हाथ मोड़े भी फेंका जा सकता है।' भज्जी ने कहा कि आइसीसी ने गेंदबाजों के लिए मानक तय किए हैं और वह इसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। बेहतर है हेयर तकनीक को चुनौती न दें और अपना मुंह बंद रखें।ऑस्ट्रेलिया में यह आम धारणा है कि आइसीसी से मतभेद के बाद अपना इस्तीफा देने वाले हेयर को अगले साल होने वाले विश्व कप से पहले सलाहकार की भूमिका दी जा सकती है।