
जबलपुर: बीते दिनों जबलपुर की एक सहेली ने दूसरी सहेली के ऊपर एसिड अटैक किया था. जबलपुर मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉक्टर का कहना है कि, ''वह बहुत हद तक पीड़ित लड़की का चेहरा वापस ला सकते हैं लेकिन फिर भी भगवान की बनाई खूबसूरती वापस नहीं की जा सकती.'' श्रद्धा दास इशिता साहू से ज्यादा सुंदर थी इसलिए इशिता साहू ने उसके ऊपर एसिड अटैक कर दिया था.
जबलपुर के ग्वारीघाट क्षेत्र में अवधपुरी नाम की एक कॉलोनी है, इस कॉलोनी में 2014 में दो परिवार रहने आए. एक परिवार श्रद्धा दास का था. श्रद्धा दास के पिता पीरलाल दास रेलवे में कर्मचारी हैं. दूसरा परिवार इशिता साहू का था, इशिता साहू के पिता जीके साहू के पास कोई ठीक-ठाक रोजगार नहीं है, वे सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी किया करते हैं और उनकी मां एक बुटीक चलती थी.
इशिता और श्रद्धा थी आपस में दोस्त
इशिता और श्रद्धा एक ही उम्र की थीं. बचपन से साथ खेली और दसवीं तक एक साथ पढ़ीं. इसके बाद दोनों अलग-अलग संस्थानों में पढ़ने चली गईं. इशिता साहू ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और तथा उसने बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन किया.
सहेली पर एसिड अटैक
जबलपुर के गोरखपुर क्षेत्र के सीएसपी महादेव नागोतिया ने बताया कि, ''इस मामले की जानकारी के दौरान उन्हें पता लगा कि 29 जून को रविवार था और श्रद्धा अपने घर में लैपटॉप पर कोई काम कर रही थी. इसी दौरान उसे इशिता ने आवाज दी लेकिन श्रद्धा बाहर नहीं गई. तब इशिता ने कहा कि उसके लिए कोई सरप्राइज है. श्रद्धा ने सोचा की बचपन की सहेली है कोई बात करना चाहती होगी, इसलिए श्रद्धा घर के बाहर निकल आई.''
उस समय रात के लगभग 10:00 बजे थे. घर के बाहर दोनों खड़े होकर बात कर रही थी, बातचीत के अंत में इशिता ने श्रद्धा के ऊपर तेजाब फेंक दिया. इशिता साहू यहां से भाग गई और श्रद्धा तड़पती रही. श्रद्धा दास चिल्लाई la उसकी मां ज्योत्स्ना बाहर आई और तुरंत परिवार श्रद्धा को लेकर अस्पताल पहुंचा. आज भी श्रद्धा दास का इलाज अस्पताल में चल रहा है.
मेरी बेटी से जलती थी इशिता
श्रद्धा दास की मां ज्योत्सना ने बताया कि, ''श्रद्धा ने बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की थी और उसकी नौकरी लगी थी. हालांकि श्रद्धा और इशिता के बीच में कई दिनों से कोई बातचीत नहीं थी. दोनों में आपस में मन मुटाव हो गया था. हमें इस बात का अंदाजा नहीं था कि इशिता श्रद्धा से इतनी अधिक जलन करती है कि उसने श्रद्धा के ऊपर एसिड फेंक दिया.''
इशिता के साथी को तलाश कर रही पुलिस
इस मामले में पुलिस ने अब तक जो जांच की है उसके अनुसार, आरोपी इशिता साहू के बारे में पता लगा कि बीते दिनों उसका किसी लड़के के साथ एक वीडियो वायरल हुआ, जिससे उसकी बदनामी हो रही थी. दूसरी तरफ श्रद्धा की नौकरी लग रही थी और लोग उसे अच्छा कह रहे थे. इस बात से इशिता और ज्यादा चिड़ी हुई थी.
इशिता श्रद्धा की सुविधाजनक जिंदगी उसकी सफल जिंदगी और उसकी सुंदरता से जलती थी. इसलिए इशिता ने अपने मित्र अंश शर्मा के साथ मिलकर एक कॉलेज के फर्जी लेटर पैड पर एक दुकान से तेजाब खरीदा और मौका पाते ही श्रद्धा के ऊपर डाल दिया. इशिता साहू को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और वह जेल में है. वहीं, श्रद्धा का खूबसूरत मासूम चेहरा एसिड की वजह से झुलस गया है अब उसके चेहरे पर पट्टियां बंधी हुई हैं.
प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर पवन अग्रवाल की राय
ईटीवी भारत ने इस मामले में जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉक्टर पवन अग्रवाल से बात की. डॉक्टर पवन अग्रवाल का कहना है कि, ''प्लास्टिक सर्जरी अब बहुत एडवांस लेवल पर आ गई है. हम बहुत हद तक बिगड़े हुए चेहरों को ठीक कर सकते हैं.
डॉ. पवन अग्रवाल का कहना है कि, ''हालांकि श्रद्धा दास का इलाज उनके अस्पताल में नहीं हो रहा है और उन्हें इस बात की पूरी जानकारी नहीं है की श्रद्धा का चेहरा किस हद तक खराब हो गया है. प्लास्टिक सर्जरी के जरिए श्रद्धा के चेहरे को बहुत हद तक ठीक किया जा सकता है. हालांकि हम भगवान के बने खूबसूरत चेहरे को दोबारा वैसा ही नहीं कर सकते जैसा वह था. ऐसे चेहरों को दोबारा ठीक करने के लिए स्किन की जरूरत पड़ती है.''
क्या होता है स्किन बैंक
डॉ. पवन अग्रवाल का कहना है कि, ''ऐसे मामले हमारे यहां साल भर आते हैं, जहां हमें स्किन की जरूरत होती है. इसलिए हमने एक स्किन बैंक बनाया है. इसमें ब्रेनडेड या दुर्घटना में मरीज के शरीर से स्किन निकाली जाती है. इसी का इस्तेमाल जरूरतमंद मरीजों के इलाज में किया जाता है. इसे वैज्ञानिक तरीके से निकाल कर 5 सालों तक सुरक्षित रखा जा सकता है.''
स्किन डोनेशन की जागरूकता नहीं
स्किन बैंक की काउंसलर पूजा खरे ने बताया कि, ''मध्य प्रदेश में ऐसे केवल दो ही स्किन बैंक है जो 2 साल पहले शुरू किए गए. इनमें एक भोपाल में हमीदिया कॉलेज में है दूसरा जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में. इनमें 5 साल तक स्किन को सुरक्षित रखा जा सकता है. पूजा खरे का कहना है कि लोगों में अभी स्किन डोनेशन की जागरूकता नहीं है जबकि इसकी बहुत अधिक जरूरत है और यह एक सफल इलाज है. इससे लोगों को उनकी पुरानी सी सूरत वापस की जा सकती है.''
श्रद्धा दास ठीक हो जाए इस बात की दुआ सभी लोग कर रहे हैं. क्योंकि इस पूरी घटना में श्रद्धा की कोई गलती नहीं है. बेशक इशिता साहू को कानून के अनुसार सजा मिलेगी, लेकिन श्रद्धा को उसका खूबसूरत चेहरा वैसा वापस नहीं हो पाएगा जैसा ईश्वर में उसे बनाया था. जलन की यह खौफनाक कहानी डर पैदा कर रही है.