
अहमदाबाद: गुरुवार को अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश को हिला दिया है। लंदन जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 (बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर), जिसमें 242 लोग सवार थे, टेकऑफ के तुरंत बाद मेघानी नगर इलाके में एक रिहायशी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस त्रासदी में विमान में सवार केवल एक ब्रिटिश नागरिक विश्वास रमेश कुमार ही जीवित बचे, जबकि 241 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, विमान के रिहायशी क्षेत्र में गिरने से 24 अन्य लोगों की भी जान चली गई, जिससे कुल मृतकों की संख्या 265 हो गई है। मरने वालों में 5 एमबीबीएस छात्र और एक डॉक्टर भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अहमदाबाद का दौरा किया, दुर्घटनास्थल का जायजा लिया और अस्पताल में एकमात्र जीवित बचे यात्री विश्वास रमेश कुमार से मुलाकात की। उन्होंने इस घटना को "अकल्पनीय त्रासदी" बताया और गहरा दुख व्यक्त किया। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने हादसे के कारणों की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है। शुरुआती जांच में इंजन में तकनीकी खराबी और पेड़ से टकराने की आशंका जताई जा रही है, हालांकि अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है।
टाटा समूह की बड़ी राहत: एयर इंडिया के मालिक टाटा समूह ने मृतकों के परिवारों को बड़ी राहत देते हुए प्रत्येक मृतक के परिवार को ₹1 करोड़ का मुआवजा देने की घोषणा की है। यह मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत मिलने वाले बीमा मुआवजे से अलग होगा, जिसके तहत प्रति व्यक्ति लगभग ₹1.4 करोड़ तक का मुआवजा मिल सकता है। यह हादसा भारत का अब तक का सबसे महंगा एविएशन इंश्योरेंस क्लेम माना जा रहा है, जिसका अनुमानित मूल्य लगभग ₹2400-2490 करोड़ तक हो सकता है।
घटना का विवरण:
- दिनांक और समय: गुरुवार, 12 जून 2025 को दोपहर 1 बजकर 39 मिनट पर।
- उड़ान संख्या: एयर इंडिया AI171 (अहमदाबाद से लंदन)।
- विमान: बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (VT-ABN), 2013 मॉडल।
- स्थान: अहमदाबाद एयरपोर्ट के रनवे 23 से टेकऑफ के तुरंत बाद, पास के रिहायशी इलाके में।
- पायलट: मुख्य पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल (8200 घंटे का अनुभव) और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर (1100 घंटे का अनुभव)।
- मेडे कॉल: विमान ने टेकऑफ के तुरंत बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को 'मेडे कॉल' (एक अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन सिग्नल) किया, लेकिन उसके बाद ATC के कॉल का कोई जवाब नहीं दिया।
दुर्घटना का कारण (प्रारंभिक रिपोर्ट):
शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, विमान के इंजन में तकनीकी खराबी को हादसे का प्राथमिक कारण बताया जा रहा है। कुछ जानकारी के अनुसार, टेकऑफ के बाद प्लेन का पीछे का हिस्सा एक पेड़ से टकरा गया था, जिसके बाद विमान क्रैश हो गया। हालांकि, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने मामले की विस्तृत जांच के लिए एक टीम का गठन किया है, और अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही सटीक कारण स्पष्ट हो पाएगा।
जान-माल का नुकसान:
- विमान में सवार: कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री, 2 पायलट और 10 क्रू मेंबर शामिल थे।
- मृतकों की संख्या: इस भयानक क्रैश में विमान में सवार केवल एक यात्री, ब्रिटिश नागरिक विश्वास रमेश कुमार, जीवित बच पाए। शेष 241 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके अतिरिक्त, दुर्घटनाग्रस्त विमान रिहायशी इलाके में गिरने के कारण, डॉक्टरों के हॉस्टल में रह रहे 24 अन्य लोगों की भी जान चली गई, जिससे कुल मृतकों की संख्या 265 हो गई है। मरने वालों में 5 MBBS स्टूडेंट, 1 PG रेजिडेंट डॉक्टर, और एक सुपरस्पेशलिस्ट की पत्नी भी शामिल हैं।
- क्षति: विमान पूरी तरह से जलकर खाक हो गया और रिहायशी इलाके में गिरने से आस-पास की इमारतों को भी भारी नुकसान पहुंचा।
मुआवजा और राहत:
- टाटा समूह का ऐलान: एयर इंडिया के मालिक टाटा समूह ने मृतकों के परिवारों को बड़ी राहत देते हुए प्रत्येक मृतक के परिवार को ₹1 करोड़ का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त, टाटा समूह घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाएगा और बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास के पुनर्निर्माण में भी सहायता प्रदान करेगा।
- मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999: DGCA के नियमों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में मृत्यु या चोट के मामले में मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 के तहत मुआवजा दिया जाता है। इस संधि के तहत, प्रत्येक यात्री के लिए 128,821 विशेष आहरण अधिकार (SDR) तक का मुआवजा तय हो सकता है, जो कि लगभग ₹1.4 करोड़ प्रति व्यक्ति बनता है। यह मुआवजा तब दिया जाता है जब हादसा एयरलाइन की गलती से होता है।
- कुल बीमा दावा: यह हादसा भारत का अब तक का सबसे महंगा एविएशन इंश्योरेंस क्लेम माना जा रहा है, जिसका अनुमानित मूल्य लगभग ₹2400-2490 करोड़ तक हो सकता है। इसमें यात्रियों का मुआवजा और विमान का नुकसान शामिल है।