इंदौर : इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी के मर्डर की आरोपी नई नवेली पत्नी सोनम रघुवंशी के बारे में नित नए खुलासे हो रहे हैं. शादी के 12 दिन बाद ही हनीमून ट्रिप के नाम पर मेघालय के शिलांग में ले जाकर राजा की निर्मम तरीके से हत्या कराने की आरोपी सोनम रघुवंशी के स्वाभाव के बारे में परिचितों ने अब उसकी एक-एक गतिविधि का आकलन करना शुरू कर दिया है. सभी लोग इस बात को लेकर आहत हैं कि सोनम की हरकतें बहुत कुछ बयां कर रही थी कि लेकिन कई बार बातें मन में खटकने के बाद भी कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि सोनम इतना वीभत्स कांड भी कर सकती है. सोनम अपने प्रेमी राज कुशवाहा पर इतनी फिदा कैसे और क्यों हुई, ये भी एक पहेली है लेकिन अब धीरे-धीरे सब कुछ सामने आने लगा.
शुरू में सोनम ने राज को मुंहबोला भाई माना
दरअसल, सोनम के भाई गोविंद रघुवंशी ने बुधवार को ये जाहिर किया था कि राज कुशवाहा का उसके घर पर बेधड़क आना-जाना था. गोविंद रघुवंशी के कारोबार को वह समर्पण भाव से कर रहा था. बताया जाता है कि राज कुशवाहा 16-16 घंटे काम करता था. सोनम भी गोविंद रघुवंशी की फैक्ट्री में पहुंचकर भाई का पूरा कामकाज संभालती थी. गोविंद रघुवंशी के अनुसार सोनम उसके साथ ही राज को राखी बांधती थी. राज भी सोनम को दीदी कहकर बुलाता था. सोनम को दीदी मानने की बात राज की बहनों व उसकी मां ने भी कही. फिर सवाल उठता है कि भाई-बहन का रिश्ता प्रेमी-प्रेमिका के रूप में कैसे तब्दील हो गया. इसकी भी एक कहानी है.
राज की ईमानदारी देख प्रभावित होने लगी सोनम
दरअसल, गोविंद रघुवंशी के कारोबार में राज कुशवाहा अहम किरदार था. वह पैसों का लेन-देन भी पूरी ईमानदारी से करता था. इसके साथ ही कारोबार में सोनम भी पूरी तरह से लिप्त थी. फैक्ट्री में काम करने के दौरान सोनम और राज धीरे-धीरे निकट आते गए. जब सोनम ने देखा कि राज बहुत समर्पण से काम करता है और पैसों के मामले में भी पूरा ईमानदार है. ये देखकर सोनम के दिल में धीरे-धीरे राज के प्रति प्रेम उमड़ने लगा. सोनम राज को पहले भाई की तरह प्रेम करती थी लेकिन धीरे-धीरे ये रिश्ता आगे बढ़कर आशिकी में तब्दील हो गया.
हवाला कारोबार से जुड़े सोनम व राज
बताया जाता है कि सोनम ने अपने रिश्ते के एक भाई के साथ हवाला कारोबार का काम शुरू कर दिया. इसमें काफी रकम आने लगी. इसको देखते हुए सोनम ने मोटी रकम राज के खातों में ट्रांसफर करनी शुरू कर दी. इस दौरान भी राज पूरी तरह से ईमानदारी से फंड को सोनम के अनुसार मैनेज करता रहा. जब सोनम ने राज की ये ईमानदारी देखी तो इसके बाद वह राज के और निकट चली गई. फैक्ट्री में एक दिन ऐसा दिन आया जब सोनम ने अपने दिल की बात राज से बयां कर दी. इधर, कुछ दिनों से राज भी सोनम के हाव-भाव को लेकर उस पर मरने लगा था. राज को ये पता था कि सोनम की आर्थिक स्थिति अच्छी है जबकि वह बहुत कमजोर स्थिति में है. इसके साथ ही राज के दिल में सोनम के प्रति भी प्रेम उमड़ने लगा. जब एक दिन फैक्ट्री में दोनों को एकांत समय मिला तो एक-दूसरे से मोहब्बत का इजहार कर दिया. इसके बाद इश्क की गाड़ी दौड़ने लगी.
राज के अलावा किसी और शादी को तैयार नहीं थी सोनम
इसके बाद राज और सोनम के बीच इश्क की गाड़ी पूरी रफ्तार से दौड़ने लगी. इधर, सोनम के लिए उसके पिता कोई अच्छा रिश्ता तलाश रहे थे. जब सोनम ने राज से कहा कि मैं शादी तो तुम्ही से करूंगी तो राज ने भी कुछ इसी अंदाज में अपने मोहब्बत का संकल्प दोहराया. एक दिन ऐसा भी आया जब सोनम की शादी परिजनों ने राजा रघुवंशी से तय कर दी. शादी तय होने के बाद सोनम ने राज से मिलकर ये तय कर लिया था कि वह पिता की खुशी की खातिर ये शादी तो कर लेगी लेकिन वह अपने होने वाले पति को मारकर विधवा बनेगी और फिर राज से शादी कर लेगी.