अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में एअर इंडिया का प्लेन टेकऑफ करने के कुछ ही मिनटों के बाद क्रैश हो गया. अब जानते हैं टेकऑफ के दौरान इस तरह के हादसे अक्सर क्यों हो जाते हैं.

आज दोपहर एअर इंडिया का एक पैसेंजर प्लेन बोइंग 737 गुजरात के अहमदाबाद के रिहायशी इलाके में क्रैश हो गया. विमान क्रैश होने के बाद आग की लपटों में समा गया. उसके बाद काफी देर तक धुएं का काला गुबार देखा गया. ये तस्वीरें विचलित करने वाली हैं.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक विमान में आग लगते ही बड़ी-बड़ी लपटें उठीं और धुएं का गुबार देखा गया. एअर इंडिया के इस यात्री विमान में 242 लोग सवार थे. ये हादसा हादसा सरदार वल्लभ भाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट के करीब हुआ. बताया जा रहा है कि विमान एयरपोर्ट की बाउंड्री से लगकर हादसे का शिकार हो गया. खबर ये है कि एअर इंडिया प्लेन का हादसा टेकऑफ के दौरान हुआ.

टेकऑफ के दौरान 35 फीसदी विमान हादसे होते हैं. आइए जानते हैं कि टेकऑफ के दौरान ही क्यों होते हैं प्लेन हादसे.

टेकऑफ के समय विमान जमीन से तेजी से स्पीड पकड़ता है. इस दौरान पायलट को सीमित वक्त में कई अहम फैसले लेने पड़ते हैं. इस दौरान इंजन, रनवे, मौसम और विमान के सिस्टम पर सबसे अधिक प्रेशर होता है. ऐसे में कोई भी छोटी भूल-चूक बड़े हादसे को न्योता दे सकती है.

वहीं 65% हादसे मानवीय भूल से होते हैं. और इसका एक बड़ा हिस्सा टेकऑफ के दौरान होता है. टेकऑफ के दौरान विमान का पायलट अहम होता है.

प्लेन का इंजन फेल होना: विमान के टेकऑफ के दौरान प्लेन का इंजन फुल पॉवर में रहता है. ऐसे में विमान से किसी पक्षी का टकराना, फ्यूल प्रेशर समस्या और इंजन में समस्या हादसे की वजह बनती है.

विमान पायलट की गलती: एविएशन क्रैश की एक बड़ी वजह पायलट की गलती हो सकती है. ऐसा तब होता है जब टेकऑफ के समय पायलट विमान की स्पीड, रनवे लिफ्ट ऑफ पॉइंट और पिच एंगल का सही से आकलन नहीं कर पाता है.

कई बार विमान के हाइड्रोलिक्स, लैंडिंग गियर,ऑटोथ्रॉटल सिस्टम और एयर स्पीड इंडिकेटर में फॉल्ट आने के कारण प्लेन हादसे का शिकार हो जाता है.

विमान के टेकऑफ के समय तेज हवाएं, तूफान, विजिबिलिटी कम होने की वजह से प्लेन हादसे होते हैं.

वहीं इमरजेंसी में पायलट के विवेक से और सही फैसला नहीं लेने से दुर्घटनाएं होती हैं.अगर इंटरनेशनल एविएशन की रिपोर्ट्स की मानें तो टेकऑफ और लैंडिंग में होने वाले अधिकतर प्लेन क्रैश में मानवीय भूल ही जिम्मेदार होती है.

वहीं अगर प्लेन के टेकऑफ के दौरान रनवे पर कोई जानवर, पक्षी या गाड़ी या कोई अन्य विमान आ जाए, तो हादसे को टाला नहीं जा सकता है. इसमें पायलट के पास प्लेन को बचाने का समय कम रहता है.

विमान हादसों के पीछे इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) की रिपोर्ट कहती है कि मानवीय भूल की वजह से 65 फीसदी टेकऑफ दुर्घटनाएं होती हैं. 20 प्रतिशत प्लेन हादसे तकनीकी खराबी की वजह से होते है. मौसम की खराबी के कारण 10 फीसदी प्लेन हादसे के शिकार हो जाते हैं. वहीं 5 फीसदी हादसों में दूसरे कारण होते हैं.