गोपालगंज। किसानों के खेतों में केला व पपीते अपनी मिठास घोलेगी। जिले की मिट्टी केला तथा पपीता की खेती के लिए मुफीद है।
यह देख कृषि विभाग की पहल पर उद्यान विभाग ने केला तथा पपीते की खेती का रकबा बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत केला व पपीते की खेती के लिए 120 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है।
लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही उद्यान विभाग ने इसकी खेती करने में रुचि दिखाने वाले किसानों का चयन करने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है।
चयनित किसानों को उद्यान विभाग द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान पर पपीता के बीज तथा केला के पौधा दिया जाएगा। इसके साथ ही किसान सलाहकार समय-समय पर किसानों को खेत में जाकर केला व पपीते की उपज बढ़ाने के लिए सलाह भी देंगे।
केला व पपीते की खेती को मुफीद जिले की मिट्टी
जिले में किसान केला तथा पपीते की खेती करते रहे हैं। जिले की मिट्टी मुफीद होने के बाद भी काफी कम रकबे में केला तथा पपीता की खेती होती है।
इसे देखते हुए कृषि विभाग की पहल पर उद्यान विभाग केला तथा पपीता की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है।
किसानों में केला व पपीते की खेती के प्रति रुझान बढ़ने के साथ ही इसकी खेती करने का रकबा बढ़ाया जा रहा है। इस बार उद्यान विभाग ने 60 हेक्टेयर में केला तथा 60 हेक्टेयर में पपीता की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है।
किसानों के चयन की प्रक्रिया पूर्ण
केला व पपीता की खेती करने के लिए किसानों को चयनित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। चयनित किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर बीज व पौधे उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्नत तरीके से केला व पपीता की खेती करने के लिए खेतों में जाकर किसान सलाहकार किसानों को प्रशिक्षण भी देंगे।
कहते हैं अधिकारी
" जिले की मिट्टी केला व पपीता की खेती के लिए काफी मुफीद है। इसे देखते हुए केला व पपीता की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। केला व पपीता की खेती करने के प्रति किसानों में रुझान भी बढ़ रहा है। इसकी खेती करने वाले किसानों को विभाग अनुदान देने के साथ ही उनको पूरा सहयोग करता है।" - ललन कुमार सुमन, जिला कृषि पदाधिकारी
प्रखंडवार पपीता की खेती का निर्धारित लक्ष्य
प्रखंड | क्षेत्र (हेक्टेयर) | केला की खेती का लक्ष्य (हेक्टेयर) |
---|---|---|
कुचायकोट | 07 | 07 |
गोपालगंज | 04 | 06 |
मांझा | 05 | 04 |
बैकुंठपुर | 04 | 06 |
बरौली | 07 | 06 |
हथुआ | 04 | 4.5 |
फुलवरिया | 04 | 03 |
भोरे | 04 | 03 |
उचकागांव | 04 | 3.5 |
कटेया | 04 | 03 |
पंचदेवरी | 04 | 2.5 |
थावे | 03 | 3.5 |
सिधवलिया | 03 | 05 |
विजयीपुर | 03 | 03 |