जयपुर। राज्य की पुलिस में बड़ा बदलाव हुआ। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) यू.आर. साहू ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राज्य सरकार ने उन्हें राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के अध्यक्ष पद पर नई नियुक्ति दी है। इसके साथ ही सरकार ने भ्रष्टाचार निरोध ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा को डीजीपी का अतिरिक्त चार्ज सौंप दिया। साहू के इस्तीफे के बाद अब नए पुलिस महानिदेशक की तलाश शुरू हो गई।
आइपीएस राजीव शर्मा के अगला डीजीपी बनने की संभावना प्रबल है। शर्मा फिलहाल केन्द्र में प्रतिनियुक्ति में पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के महानिदेशक पद पर तैनात हैं। वरिष्ठता, छवि और मौजूदा सरकार से नजदीकी के आधार पर उनका डीजीपी बनना तय माना जा रहा है। हालांकि आइपीएस संजय अग्रवाल, राजेश निर्वाण और गोविंद गुप्ता भी डीजीपी बनने की दौड़ में शामिल हैं। कार्यवाहक डीजीपी मेहरड़ा इसी माह सेवानिवृत्त हो जाएंगे। साहू को डीजीपी पद से सेवानिवृत्ति होने में अभी आठ माह बाकी थे। इससे पहले ही सरकार ने उन्हें आयोग का अध्यक्ष बना दिया। राज्यपाल ने मंगलवार को उनकी नियुक्ति के आदेश जारी किए।
ऐसे होगा डीजीपी के लिए चयन
राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय को नए डीजीपी के चयन के लिए डीजी रैंक के अधिकारियों का पैनल भेजा है। नियमानुसार पैनल में अधिकतम 10 नाम भेजे जा सकते हैं। नाम उन्हीं के भेजे जाते हैं, जिनको पुलिस सर्विस में 30 वर्ष से अधिक का अनुभव हो और उन अधिकारियों की इच्छा हो। कार्मिक मंत्रालय संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को राज्य सरकार का पैनल भेजेगी। इसके आधार पर यूपीएससी पैनल में डीजी रैंक के अधिकारियों की वरिष्ठता और सर्विस रिकॉर्ड के आधार पर डीजीपी पद के लिए योग्य तीन अफसरों के नाम राज्य सरकार को चयन के लिए वापस भेजेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इन तीन नामों में से किसी भी एक को डीजीपी पद पर नियुक्त कर सकते हैं।
राजीव शर्मा दो साल रहेंगे डीजीपी
राजीव शर्मा अगले वर्ष मार्च में सेवानिवृत हो जाएंगे। ऐसे में वह डीजीपी बनते हैं तो उन्हें पूरे दो साल का कार्यकाल पूरा करने का मौका मिलेगा। ऐसे में वह न्यूनतम जुलाई 2027 तक डीजीपी बने रहेंगे। ऐसे में आनंद श्रीवास्तव डीजीपी की दौड़ से बाहर हो जाएंगे। इस स्थिति में संजय अग्रवाल, गोविंद गुप्ता, राजेश आर्य, राजेश निर्वाण और अनिल पालीवाल में से किसी एक के डीजीपी बनने की संभावना बनेगी। इंटेलिजेंस विंग के मुखिया होने की वजह से अग्रवाल भी राज्य सरकार के नजदीकी अधिकारी हैं। ऐसे में शर्मा की सेवानिवृत्ति के बाद अग्रवाल को तवज्जो मिल सकती है।
शर्मा का इसलिए चयन
राजीव शर्मा लंबे समय तक केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर रहे हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा निवासी शर्मा राजस्थान में मुख्यत: झालावाड़, दौसा, राजसमंद, जयपुर ट्रैफिक, भरतपुर, जयपुर में पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। साथ ही भरतपुर और बीकानेर रेंज आइजी का पद भी संभाल चुके हैं। वह एसीबी के डीजी भी रह चुके हैं। सीबीआइ में संयुक्त निदेशक पद सहित विभिन्न जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।