तकनीक लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है, लेकिन इसके नुकसान भी सामने आ रहे हैं. केबल टीवी नेटवर्क इंडस्ट्री इसका एक उदाहरण है. केबल टीवी का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में तेजी से गिरावट देखी जा रही है. इंटरनेट के इस्तेमाल से लोगों की नौकरियां खतरे में हैं. करीब करीब 5.77 लाख लोगों का रोजगार खत्म हो चुका है और आने वाले समय में 10 लाख से अधिक लोगों की नौकरियां जा सकती हैं.
डेन नेटवर्क्स के सीईओ एसएन शर्मा ने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में इस क्षेत्र से जुड़े करीब 10 लाख लोग अपनी नौकरी खो सकते हैं. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव संजीव शंकर ने बताया कि इस सेक्टर को बचाने के लिए पेश की गई रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण है. यह रिपोर्ट बताती है कि सेक्टर के सामने क्या चुनौतियां हैं, खासकर इंटरनेट से मिलने वाली सामग्री के कारण. कुछ लोग केबल टीवी और इंटरनेट दोनों का उपयोग कर रहे हैं. सरकार इस बदलती स्थिति पर नजर रखे हुए है.
लोग टीवी क्यों देखें?
संजीव शंकर ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोग केबल टीवी क्यों देखें, खासकर जब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बेहतर सामग्री उपलब्ध है. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी सामग्री केबल टीवी पर क्यों नहीं आ रही है.
हाल ही में आई रिपोर्ट 28,000 केबल टीवी ऑपरेटरों से बातचीत के आधार पर तैयार की गई है. यह सेक्टर करीब 35 साल पुराना है, फिर भी इससे जुड़े लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. आशीष फेरवानी ने बताया कि 2017 में केबल टीवी सब्सक्रिप्शन 152 मिलियन था, जो अब घटकर 111 मिलियन रह गया है. 2018-19 की तुलना में 2023-24 में डीटीएच में 31 प्रतिशत की कमी आई है. 2018 से अब तक 40 प्रतिशत केबल सब्सक्राइबर कम हुए हैं.
लोग ओटीटी की ओर क्यों जा रहे हैं?
रिपोर्ट के अनुसार, ओटीटी पर टीवी से बेहतर सामग्री उपलब्ध है, जिसके कारण लोग इंटरनेट की ओर बढ़ रहे हैं. 2024 में 111 मिलियन सब्सक्राइबर हैं, जो 2030 तक घटकर 71-81 मिलियन हो सकते हैं. 2018 से 2024 के बीच 31 प्रतिशत रोजगार (37,835) कम हुए हैं, जो 1,20,557 से घटकर 87 रह गए हैं. पायरेसी के कारण 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस बीच, भारत में इंटरनेट सब्सक्रिप्शन 1 बिलियन को पार कर चुका है, जिसमें 945 मिलियन ब्रॉडबैंड हैं.
एआईडीसीएफ क्या है?
अखिल भारतीय डिजिटल केबल फेडरेशन (एआईडीसीएफ) भारत में डिजिटल मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स (एमएसओ) का प्रमुख संगठन है. यह संगठन केबल टीवी के पूर्ण डिजिटाइजेशन, ब्रॉडबैंड और अन्य डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देता है, ताकि सच्चे डिजिटल भारत का सपना पूरा हो. यह फेडरेशन सरकार, नीति निर्माताओं, नियामकों और तकनीकी संस्थानों के साथ मिलकर काम करता है. एआईडीसीएफ के सदस्यों का दावा है कि उनकी बाजार हिस्सेदारी करीब 80% है. यह संगठन 340 मिलियन घरों में 100% टेलीविजन पहुंच और विश्वसनीय, उच्च-गुणवत्ता वाली डिजिटल सामग्री व ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने का लक्ष्य रखता है.