बिलासपुर। भिलाई बलौदा निवासी युवक ने पारिवारिक तनाव और पत्नी के छोड़कर जाने से आहत होकर बीते शनिवार को मालगाड़ी के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने 29 मिनट 37 सेकंड का भावुक वीडियो बनाकर पत्नी और ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसके अंतिम शब्द यही रहे कि ना कानून, ना समाज ना कोई और सुनने वाला है। उसका दुख उसके साथ चला जाएगा।

ससुराल पक्ष के दुष्प्रभाव का जिक्र
जीआरपी मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है। बिलासपुर रेलवे स्टेशन की डाऊन लाइन के खंभा नम्बर 729/18/16 के पास शनिवार दोपहर दो से तीन बजे के बीच एक युवक ने मालगाड़ी के सामने कूदकर जान दे दी। जीआरपी की जांच में मृतक की पहचान आनंद देवांगन, निवासी भिलाई बलौदा, छत्तीसगढ़ के रूप में हुई है। आनंद ने मालगाड़ी के सामने कूदकर जान देने से पहले उसने अपना अंतिम वीडियो बनाया, जिसमें पत्नी के छोड़ जाने के पीछे ससुराल पक्ष के दुष्प्रभाव का जिक्र किया।

'न कानून, न समाज और न ही परिवार', आनंद ने कहा
आनंद ने बताया कि उसकी शादी 27 नवम्बर 2024 को हुई थी, लेकिन पत्नी 25 मार्च 2025 को उसे छोड़ गई। उसने कई वकीलों से सलाह ली, लेकिन सभी ने बताया कि मौजूदा कानून में लड़का पक्ष कमजोर स्थिति में होता है। इससे वह पूरी तरह निराश था। आनंद ने यह भी आरोप लगाया कि पत्नी के मायके वालों ने उनकी पत्नी का दो बार गर्भपात करवाया। उसने यह दावा किया कि इस बात के सबूत उसके पास हैं। वीडियो में आनंद भावुक होकर कहता है कि उसे न कानून, न समाज और न ही परिवार में कोई सहारा मिला।

आनंद के आखिरी शब्द जो उसने वीडियो में कहे
'हेलो दोस्तों, मेरा नाम आनंद देवांगन है। मैं भिलाई बलौदा, छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूं। आज मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। इसलिए यह वीडियो बना रहा हूं, क्योंकि इसके पीछे बहुत बड़ा कारण है। मेरी पत्नी मुझे छोड़कर चली गई है। हमारी शादी 27 नवंबर 2024 को हुई थी। 25 मार्च 2025 को वह मुझे छोड़कर चली गई। चार महीने भी पूरे नहीं हुए थे। वह अपनी मम्मी और बहनों के बहकावे में आकर चली गई। मैंने कई वकीलों से सलाह ली। सभी ने यही कहा कि आज के कानून में लड़की पक्ष मजबूत है। चाहे कितने भी सबूत हों, केस कमजोर ही रहेगा। कोई गारंटी नहीं है कि पत्नी वापस आएगी। ससुराल वाले 20 से 30 बार मेरी पत्नी को फोन करते थे और उसके दिमाग में कचरा भरते थे। ऐसे में कौन लड़की पति और ससुराल वालों के साथ रहना चाहेगी। हमारे घर में मैं, मेरी मां और पिता रहते हैं। कभी किसी ने उसे रोका-टोका नहीं। दो महीनों तक तो मैंने उसे बाहर घुमाया भी। शादी के चार महीनों में उसे कभी भी कपड़ों को लेकर रोका नहीं गया। फिर भी वह चली गई। कल मैंने आखिरी बार उससे बात की। उसने कहा- मैं अब नहीं आऊंगी। अपने मम्मी-पापा को नहीं छोड़ूंगी। मेरे पास आत्महत्या के अलावा अब कोई चारा नहीं है। न कानून है, न व्यवस्था, न समाज, न ही कोई और सुनने वाला। सभी सिर्फ लड़की की सुनते हैं। मेरा भी तो दुख है, मेरी भी तो तकलीफ है। मेरी पत्नी अपने मायके वालों के कहने पर दो बार बच्चा गिरा चुकी है। इस बात की रिकॉर्डिंग भी मेरे पास है। उसने खुद अपनी मां से कहा कि वह पेट से है और यहां रहेगी तो फंस जाएगी। मेरे घर में मुझे और मेरे मां-बाप को गाली देकर गई है। अब मेरे पास जीने का कोई रास्ता नहीं बचा है। मैं अब यह कदम उठा रहा हूं। सभी से विनती है कि मेरे दर्द को समझें। मैं बहुत मजबूर हूं।'