भोपाल।  आज के समय में सिजेरियन डिलेवरी आम बात हो गई है। अधिकतर अस्पतालों में नॉरमल डिलेवरी पर जोर नहीं दिया जाता है। वहीं दूसरी तरफ राजधानी भोपाल के पं. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज में समान्य प्रवस को बढ़ावा दिया जा रहा है। बीते एक साल में इसमें करीब 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।इसके लिए गर्भ संस्कार प्रोग्राम चलाया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं के लिए चलाए जा रहे इस प्रोग्राम में गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को संतुलित आहार, व्यायाम के साथ आध्यात्म की जानकारी दी जाती है। वहीं दूसरी तरफ पं. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक कॉलेज कलियासोत डैम के किनारे मॉडर्न वेलनेस कॉटेज बनाने की तैयारी की जा रही है। ये कॉटेज न सिर्फ पहाड़ी, डैम और जंगल के मनोरम नजारों के साथ पंचकर्म और बॉडी डिटॉक्स (शरीर की अंदरूनी सफाई) की सुविधा देंगे, बल्कि परिवारों को एक साथ पारंपरिक छुट्टियों को वेलनेस वेकेशन में बदलने का अवसर भी देगा।

नॉर्मल डिलीवरी को 40 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य

आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमेश शुक्ला ने बताया कि अब कॉलेज का लक्ष्य है कि इस प्रोग्राम की मदद से नॉर्मल डिलीवरी की दर को 40 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सके। गर्भसंस्कार का मकसद गर्भ में पल रहे शिशु को जन्म से पहले ही अच्छे संस्कार देना है।

दो गांवों में भी विशेष प्रोजेक्ट शुरू किए

डॉ. शुक्ला ने बताया कि कॉलेज ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए दो गांवों में भी विशेष प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। कालापानी और सूखी सेवानिया गांव को आयुष ग्राम के तहत चुना गया है, जहां घर-घर सर्वे कर आयुष कार्ड बनाए गए हैं। यहां लोगों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जाती है। संस्थान के विशेषज्ञों ने राजधानी भोपाल के 72 स्कूलों में एक खास कोर्स शुरू किया है। इस कोर्स के जरिए बच्चों को समझाया जा रहा है कि ऐसे कौन से पौधे हैं जो दवा के तौर पर काम आते हैं।

राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत प्रस्ताव तैयार

डॉ. शुक्ला ने बताया कि वेलनेस कॉटेज को राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। ये कॉटेज मौजूदा सेंटर के ठीक नीचे पहाड़ी पर तैयार होंगे, जिससे एक एकीकृत वेलनेस हब बन सकेगा। इन कॉटेज की डिजाइन और लोकेशन को अंतिम रूप देने के लिए जल्द ही आर्किटेक्ट की एक विशेष टीम बुलाई जाएगी।

प्रदेश में 12 नए आयुष वेलनेस सेंटर बनाने की तैयारी

आयुष विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खुशीलाल कॉलेज के पंचकर्म एंड वेलनेस सेंटर की सफलता को देखते हुए, प्रदेशभर में 12 नए आयुष वेलनेस सेंटर तैयार किए जाएंगे। इनमें से 10 सेंटर 10-10 बेड के होंगे और इन पर कुल 125 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इन सेंटरों को खास तौर पर उन्हीं क्षेत्रों में बनाया जाएगा जहां पर्यटकों की संख्या ज्यादा होती है। इससे मेडिकल टूरिज्म को और बढ़ावा मिलेगा। उज्जैन और खजुराहो जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर 50-50 बेड के बड़े सेंटर 15-15 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किए जाएंगे।