
प्रीति जिंटा कोर्ट पहुंच गई हैं. सवाल है क्यों? कहीं उनके कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के पीछे की वजह कुछ दिन पहले वैभव सूर्यवंशी के साथ वायरल हुई फर्जी फोटो तो नहीं. 18 मई को पंजाब किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेले मुकाबले के बाद सोशल मीडिया पर प्रीति जिंटा की वैभव सूर्यवंशी को गले लगाती एक तस्वीर वायरल हुई थी. लोगों ने जब उस तस्वीर को सच मानना शुरू कर दिया तो प्रीति जिंटा को ही आकर ये बताना पड़ा कि वो एक फर्जी फोटो है. अब उस घटना 2 दिन बाद ही प्रीति जिंटा के कोर्ट का रुख करने की खबर है तो क्यों?
प्रीति जिंटा पहुंची कोर्ट, क्या हैै नया मामला?
दरअसल, प्रीति जिंटा के कोर्ट का रुख करने के पीछे की वजह उनकी वैभव सूर्यवंशी के साथ सामने आई फर्जी फोटो बिल्कुल भी नहीं है. इसके पीछे की वजह दरअसल उनकी IPL टीम पंजाब किंग्स के बाकी को-ऑनर्स से चल रहा विवाद है. एक्ट्रेस और केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर प्रीति जिंटा ने एक बार फिर सह-निदेशक मोहित बर्मन और नेस वाडिया के खिलाफ चंडीगढ़ कोर्ट का रुख किया है.
अदालत में दायर याचिका में, प्रीति जिंटा ने 21 अप्रैल को हुई कंपनी की EGM को अवैध और अमान्य घोषित करने की मांग की है. उन्होंने दावा किया कि वो बैठक मोहित बर्मन की ओर से नेस वाडिया के सक्रिय समर्थन से कंपनी अधिनियम, 2013 और जनरल मीटिंग्स पर सचिवालय मानकों के प्रावधानों का खुला उल्लंघन करते हुए आयोजित की गई थी.
EGM में पारित प्रस्तावों पर रोक लगाने की मांग
प्रीति जिंटा ने ये भी मांग की कि मोहित बर्मन और नेस वाडिया को उस बैठक में पारित किसी भी प्रस्ताव को लागू करने से रोका जाए और मुनीश खन्ना को कंपनी के निदेशक के रूप में कार्य करने या स्वयं को निदेशक घोषित करने से रोका जाए. इसके अलावा, उन्होंने मुकदमे की लंबित अवधि के दौरान कंपनी और अन्य निदेशकों को उनकी और करण पॉल की उपस्थिति के बिना, और मुनीश खन्ना की उपस्थिति में, किसी भी बोर्ड बैठक या आम बैठक आयोजित करने या कंपनी के मामलों से संबंधित कोई कार्य करने से रोकने की मांग की है.
प्रीति ज़िंटा केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड में 23% हिस्सेदारी रखती हैं, जो कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत पंजीकृत एक निजी कंपनी है. यह कंपनी, जो पंजाब किंग्स क्रिकेट टीम की मालिक है, आईपीएल की एक फ्रेंचाइजी धारक है.
पहले भी मोहित बर्मन के खिलाफ कोर्ट जा चुकी हैं प्रीति
अदालत ने मुकदमे के जवाब में प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किए हैं. प्रीति जिंटा ने इससे पहले भी मोहित बर्मन को कंपनी में अपनी 11.5 प्रतिशत हिस्सेदारी पर किसी तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने, बेचने या हस्तांतरित करने से रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.