छिन्दवाड़ा : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर छिंदवाड़ा जिले में आदिवासियों की जमीन गलत तरीके से कन्वर्ट कराए जाने का मुद्दा उठाया है. उन्होंने सीएम को पत्र लिखकर इस पर रोक लगाने की मांग की है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर कहा है कि छिन्दवाड़ा जिले के आदिवासी भाइयों की जमीन अवैध तरीके से कन्वर्ट की जा रही है.
आदिवासियों को ठगकर हड़पी जा रही जमीन
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को लिखे पत्र में कहा, '' छिन्दवाड़ा जिले के महत्वपूर्ण विषय की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. जिला छिन्दवाड़ा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. जिले के जामई, तामिया, हर्रई, अमरवाड़ा, बिछुआ एवं पांढुर्णा जिला आदिवासी क्षेत्र हैं. जिले के सम्पूर्ण क्षेत्र में आदिवासी परिवार निवासरत है. वे अपनी भूमि पर कृषि कार्य कर गुजर-बसर करते हैं.अत्यंत दुख का विषय है कि वर्तमान में आदिवासियों की भूमि को ठगकर हड़पने का काम भू माफियाओं द्वारा छिन्दवाड़ा संसदीय क्षेत्र में किया जा रहा है. जिला प्रशासन द्वारा प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग कर आदिवासी समुदाय के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है.
छिंदवाड़ा में चल रहा काला कारोबार
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बताया है कि किस तरह से योजना बनाकर आदिवासियों की जमीन भूमाफियाओं को कम दामों में दी जा रही है. आदिवासियों की जमीनों को बाजार मूल्य से बहुत ही कम दर पर एग्रीमेंट कर खरीदी बिक्री कराई जाती है. एग्रीमेंट कम्प्लीट होने के बाद जमीन का नामांतरण गैर आदिवासी व्यक्ति के नाम पर किया जाता है.
ये आदिवासियों के हित में नहीं : कमलनाथ
कमलनाथ ने आगे कहा कि भू-माफियाओं द्वारा आदिवासियों की भूमि का उपयोग रहवासी कॉलोनी बनाने अथवा व्यावसायिक उपयोग में ली जा रही है, जिससे आदिवासियों को बड़ा नुकसान हो रहा है. आदिवासी भूमिहीन न हो जाएं इसलिए दिखावटी तौर पर आदिवासी से आदिवासी के नाम पर भूमि क्रय-विक्रय, के एग्रीमेंट किए जाते है जो कि आदिवासियों के हित में नहीं है.
जिला प्रशासन पर भी लगाया आरोप, बुदनी की दिलाई याद
कमलनाथ ने जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाते हुए भूमाफियों को संरक्षण देने की बात कही है और कहा कि आदिवासी समुदाय भू-माफियाओं के शोषण का शिकार हो रहा है. उन्होंने कहा कि मप्र भू-राजस्व संहिता में आदिवासियों के भूमि अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रावधान है. उन प्रावधानों का उपयोग कर दूसरे जिलों में आदिवासियों की अवैधानिक रूप से हस्तांतरित भूमि पुन: आदिवासियों को उपलब्ध कराकर कब्जा दिलाया गया है. बुदनी में इस तरह की कार्रवाई के सम्बंध में मुझे जानकारी दी गई है.
जिला छिन्दवाड़ा में आदिवासी की भूमियों के हस्तांतरण के सम्बंध में निष्पक्ष जांच कराकर आदिवासियों की भूमि को भू-माफियाओं से छुड़ाकर पुन: आदिवासियों को उपलब्ध कराने की मांग कमलनाथ ने की है.