भोपाल । रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में कोलार थाना पुलिस की रिमांड पर चल रहे निजी अस्पताल के आईटी मैनेजर आकाश दुबे के मामले में पुलिस ने उन खाता धारकों को तलब किया है, जिनके खाते से डेढ़ माह के अंदर साढ़े पांच लाख रूपये की राशि आकाश के खाते में पहुंची है। उधर पकड़े गए दवा कंपनी के प्रतिनिधि आलोक रंजन को शाहपुरा पुलिस ने गुरूवार को कोर्ट में पेश किया। अदालत ने आलोक रंजन को दो दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंपा है। आलोक के पास से पुलिस ने पांच इंजेक्शन बरामद किए हैं। शाहपुरा थाना प्रभारी एमके मिश्रा ने बताया कि अयोध्यानगर निवासी आलोक रंजन मुंबई की एक फार्मा कंपनी का काम मप्र में देखता है। उसे बुधवार को पुष्पांजलि अस्पताल के सामने से हिरासत में लिया गया था। पूछताछ में उसने रेमडेसिविर के तीन इंजेक्शन भोपाल में और दो इंजेक्शन सीहोर के मेडिकल स्टोर से खरीदना बताया है। पुलिस ने संबंधित मेडिकल स्टोर संचालको को इंजेक्शन बिक्री के साक्ष्य सहित शुक्रवार को थाने बुलाया है। गौरतलब है कि एक निजी अस्पताल में आइटी प्रभारी आकाश की पगार सिर्फ 40 हजार रूपये है। उसके खाते में लगभग 12 अन्य खातों से डेढ़ माह में करीब साढ़े पांच लाख रूपये ट्रांसफर हुए हैं। माना जा रहा है कि यह राशि रेमडेसिवर इंजेक्शन के बदले में भेजी गई थी।उधर आकाश दुबे से पुलिस अभी तक कुछ खास उगलवाने में सफल नहीं हुई है। पुलिस अब आकाश के अन्य बैंक खातों के बारे भी जानकारी जुटा रही है।
आईटी मैनेजर आकाश दुबे के खातों की जांच शुरू
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