देश भर में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। मई के महीने में असामान्य मौसम देखा गया, गरज और धूल भरी आंधी के साथ देश के अधिकतम हिस्सों में तापमान सामान्य से भी कम रहा। वहीं विशेषज्ञ ने मानसून को लेकर लेटेस्ट जानकारी दी है।

उन्होंने कहा, मौसम में आ रहे इन बदलावों का दक्षिण-पश्चिम में आने वाले मानसून पर कोई असर नहीं पड़ेगा। विशेषज्ञ के मुताबिक, ये मानसून मई के आखिरी हफ्ते तक आएगा।

मई के आखिर तक कैसा होगा मौसम?
मई में भारत में असामान्य मौसम देखा गया, जिसमें देश के कई राज्यों में बार-बार बारिश और धूल भरी आंधी दर्ज की गई। बता दें, देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहा, लेकिन विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इन बदलावों का दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जिसके मई के अंतिम सप्ताह में आने की उम्मीद है।

देश में सामान्य मानसून के लिए एक महत्वपूर्ण कारण उत्तर-पश्चिम भारत में 'हीट लो' का आना है। इससे कम दबाव की एक परत बनती है जो मानसून गर्त से नम हवा को खींचती है। इसके अभाव में, मानसून कम हो सकता है। अभी कोई हीट लो नहीं है।

सामान्य से कम रहा तापमान
आईएमडी के महानिदेशक ने मानसून को लेकर बताया है,
'लगातार पश्चिमी विक्षोभ के कारण, हम बीच-बीच में गरज के साथ बारिश और सामान्य से अधिक बारिश देख रहे हैं।' मई के दौरान, राजस्थान को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान सामान्य से कम या सामान्य रहा है, वहीं कुछ क्षेत्रों में गर्मी की लहर दर्ज की जा रही है। लेकिन यह मौसम तेजी से बदल सकता है।

इन राज्यों में बढ़ेगी गर्मी
आईएमडी के महानिदेशक ने आगे कहा, मई के आखिरी हफ्ते के दौरान हम उम्मीद कर रहे हैं कि गर्मी की लहर हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों को कवर करेगी हमने पूर्वानुमान लगाया है। वहीं हम 27 मई के आसपास बंगाल की खाड़ी और केरल में मानसून के जल्दी आने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन इसकी शुरुआत को बारिश की मात्रा से नहीं जोड़ा जा सकता। कितनी बारिश होगी, यह देखने और निगरानी करने की जरूरत है।