
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में की गई कार्रवाई में यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुबोध कुमार गोयल को गिरफ्तार किया है. उन पर 6,210 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है. ED का कहना है कि गोयल को 16 मई को दिल्ली में उनके घर से अरेस्ट किया गया और अगले दिन कोलकाता की एक विशेष अदालत में पेश किया गया. अब कोर्ट ने उन्हें 21 मई तक ED की हिरासत में भेज दिया है.
क्या है मामला?
यह जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक FIR से शुरू हुई, जिसमें CSPL को दी गई क्रेडिट सुविधाओं और बाद में 6,210.72 करोड़ रुपये (बिना ब्याज के मूल राशि) की लोन राशि को डायवर्ट करने और हड़पने का आरोप है. ED की जांच में खुलासा हुआ कि सुबोध कुमार गोयल के यूको बैंक के CMD रहते हुए CSPL को बड़ी क्रेडिट सुविधाएं दी गईं, जिन्हें बाद में उधारकर्ता समूह ने डायवर्ट किया और हड़प लिया. इतना ही नहीं ED ने यह भी कहा कि गोयल को नकदी, अचल संपत्तियां, लग्जरी सामान, होटल बुकिंग आदि के रूप में रिश्वत भी दी गई, जो शेल कंपनियों, डमी व्यक्तियों और परिवार के सदस्यों की आड़ में दी गई, पैसे की ये हेरफेर इस तरह से की गई जिससे ये आपराधिक गतिविधि छिपाई जा सके. यह कार्रवाई कॉनकास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (CSPL) और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई है.
शेल कंपनियों का खेल
जांच में पता चला कि कई शेल कंपनियां, जो गोयल और उनके परिवार के सदस्यों की ओर नियंत्रित या लाभान्वित थीं, उनका इस्तेामल रिश्वत की रकम को मैनेज करने में हुआ है. इन कंपनियों के फंड का सोस CSPL से जुड़ा हुआ है. 22 अप्रैल को गोयल और अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ED ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए, जिनमें गोयल की ओर से ली गई अवैध रिश्वत का ब्योरा था.
पहले भी हुई थी कार्रवाई
ईडी की ओर से पहले CSPL की जांच के दौरान प्रमोटर संजय सुरेखा और कंपनी से जुड़ी 510 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया गया था. साथ ही कई शहरों में तलाशी अभियान चलाकर आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई थी. CSPL के मुख्य प्रमोटर संजय सुरेखा को पिछले साल 18 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था और वह अभी जेल में हैं. ED ने इस मामले में फरवरी में चार्जशीट भी दाखिल की थी.