भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के दो बड़े शहरों भोपाल और इंदौर को महानगर क्षेत्र के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस महत्वाकांक्षी योजना का मसौदा पेश किया गया. अब मंगलवार (20 मई) को इंदौर के राजवाड़ा में होने वाली कैबिनेट बैठक में 'मप्र महानगर योजना एवं विकास अधिनियम 2025' का प्रस्ताव पेश किया जाएगा. अब मप्र महानगर अधिनियम लागू करने वाला देश का 13वां राज्य बनने जा रहा है. इसके तहत 5-5 जिलों के क्षेत्र को मिलाकर दोनों शहरों को महानगर बनाया जाएगा.

महानगरीय क्षेत्र अधिनियम को कैबिनेट में रखा जाएगा:

आपको बता दें कि सरकार ने राज्य के दो सबसे बड़े शहरी क्षेत्रों भोपाल और इंदौर को महानगर क्षेत्र के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की है. मोहन यादव सरकार ने प्रस्तावित महानगर क्षेत्र गठन को लेकर 'मध्य प्रदेश महानगर योजना एवं विकास अधिनियम 2025' तैयार किया है. इस अधिनियम को कल मंगलवार को इंदौर में होने वाली कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा. एमपीसी और एमआरडीए का होगा गठन:

मप्र में इंदौर-उज्जैन-देवास-धार और भोपाल-सीहोर-रायसेन-विदिशा-ब्यावरा (राजगढ़) को मिलाकर दो महानगरीय क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इस अधिनियम के पारित होते ही भोपाल और इंदौर महानगर के लिए विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। इस अधिनियम के तहत दोनों शहरों के लिए महानगर योजना समिति (एमपीसी) और महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमआरडीए) का गठन किया जाएगा।

एजेंसियां ​​विकास योजनाओं की निगरानी करेंगी:

ये संस्थाएं विकास योजनाओं के क्रियान्वयन, समन्वय और निगरानी का काम करेंगी। प्राधिकरण भूमि बैंक बनाकर टाउनशिप और अधोसंरचना परियोजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध कराएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री के सामने एक प्रेजेंटेशन दिया गया है। मेट्रो प्राधिकरण के तहत नगर निगम, नगर पालिकाओं, विकास प्राधिकरण का समन्वय होगा। क्षेत्र विकास योजना के तहत मेट्रो क्षेत्र की सीमा से बाहर की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा।

एजेंसियां ​​विकास योजनाओं की निगरानी करेंगी:

ये संस्थाएं विकास योजनाओं के क्रियान्वयन, समन्वय और निगरानी का काम करेंगी। प्राधिकरण भूमि बैंक बनाकर टाउनशिप और अधोसंरचना परियोजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध कराएगा। इसको लेकर मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेंटेशन दिया गया है। मेट्रो अथॉरिटी के तहत नगर निगम, नगर पालिकाओं, विकास प्राधिकरण का समन्वय होगा। एरिया डेवलपमेंट प्लान के तहत मेट्रो क्षेत्र की सीमा से बाहर की योजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा।

विकास के लिए तीन प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस:

औद्योगिक विकास: मेट्रो क्षेत्र को लेकर औद्योगिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक परिवहन जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर फोकस किया गया। भोपाल के मंडीदीप और अचारपुरा तथा इंदौर के पीथमपुर को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। जिससे औद्योगिक और परिवहन क्षेत्र में सुधार होगा।

पर्यावरण संरक्षण: शहरों को महानगर बनाने की विकास परियोजनाओं में सबसे महत्वपूर्ण फोकस पर्यावरण संरक्षण पर रहेगा। पर्यावरण संरक्षण को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। जल स्रोतों का संरक्षण, भूजल पुनर्भरण, बाढ़ नियंत्रण और खनिज संसाधनों का संरक्षण किया जाएगा। इसके तहत महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों और पर्यटन स्थलों के विकास की योजना बनाई जाएगी।

सार्वजनिक परिवहन: इंदौर और भोपाल महानगर क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन को एकीकृत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मेट्रो, रेलवे, एयरपोर्ट, हाईवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट परियोजनाओं के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा। साथ ही इन्हें स्मार्ट बनाने के लिए अलग से परिवहन प्राधिकरण बनाया जाएगा। इससे यातायात प्रबंधन, मेट्रो, रेलवे, एयरपोर्ट, हाईवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट परियोजनाओं में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित होगा।

भोपाल और इंदौर के लिए प्रस्तावित नामों पर विचार:

भोपाल और इंदौर महानगर क्षेत्र के लिए प्रस्तावित नामों पर विचार चल रहा है। राजधानी भोपाल के लिए 'भोजपाल महानगर क्षेत्र', 'भोपाल महानगर क्षेत्र' और 'राज्य राजधानी क्षेत्र' जैसे नामों पर विचार किया जा रहा है। इंदौर की बात करें तो इंदौर के लिए 'अवंतिका महानगर क्षेत्र', 'मालवा महानगर क्षेत्र' और 'इंदौर-उज्जैन महानगर क्षेत्र' जैसे नामों पर विचार किया जा रहा है।