कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर, भारत-पाकिस्तान तनाव या युद्ध विराम पर अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि यह उनकी निजी राय है, पार्टी की आधिकारिक राय नहीं है। थरूर ने कहा कि मैंने जो भी कहा, एक भारतीय के तौर पर कहा। मैं न तो पार्टी का प्रवक्ता हूं और न ही सरकार का। मैंने जो भी कहा है, उसकी जिम्मेदारी मेरी है, आप सहमत हों या असहमत, यह मेरा निजी विचार है।

राष्ट्रीय ध्वज के पीछे एकता की जरूरत:

थरूर ने आगे सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपने बयान में यह स्पष्ट कर दिया था कि यह राष्ट्रीय विमर्श में उनका निजी योगदान है, खासकर ऐसे समय में जब हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी राष्ट्रीय ध्वज के पीछे एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व में हमारा पक्ष कम सुना जा रहा है। इसके साथ ही थरूर ने बताया कि उन्हें अभी तक पार्टी की तरफ से कोई औपचारिक आपत्ति या संदेश नहीं मिला है, उन्होंने सिर्फ मीडिया में खबरें देखी हैं। थरूर के बयान से कांग्रेस खफा:

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर हो, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव हो या फिर युद्ध विराम, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पार्टी से अलग होकर इन सभी मुद्दों पर बेबाक तरीके से अपनी बात रखी। इस मामले पर कांग्रेस पार्टी में थोड़ी नाराजगी भी देखने को मिली। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव से जुड़े मुद्दे पर अपने बयानों से शशि थरूर ने लक्ष्मण रेखा लांघ दी है। हालांकि पार्टी का कहना है कि कांग्रेस में सभी को अपनी राय रखने की आजादी है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में कांग्रेस शशि थरूर के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।

कांग्रेस की बैठक में चर्चा:

गौरतलब है कि बुधवार को कांग्रेस द्वारा बुलाई गई बैठक में भी इस मामले पर चर्चा हुई। बैठक के बाद थरूर के बयानों के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि थरूर की टिप्पणियां पार्टी की राय नहीं हैं। थरूर भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर ऐसी टिप्पणियां कर रहे हैं जो कांग्रेस के रुख से अलग हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोनों देशों के बीच युद्धविराम की मध्यस्थता के दावों पर सरकार पर सवाल उठा रही है, वहीं थरूर लगातार पार्टी लाइन से अलग बयान दे रहे हैं।