
गुजरात के कच्छ जिले में बुधवार शाम को 3.4 तीव्रता का भूकंप आया. यह जानकारी भूकंपीय अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) ने दी. एक जिला आपदा प्रतिक्रिया अधिकारी ने कहा कि इसके कारण किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान होने की कोई सूचना नहीं है. गांधीनगर स्थित आईएसआर ने में कहा कि 3.4 तीव्रता का भूकंप शाम 6.55 बजे दर्ज किया गया और इसका केंद्र जिले के भचाऊ से 12 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पूर्व में था.
जिले के अधिकारियों ने कहा कि जान-माल के किसी नुकसान की सूचना नहीं है. कच्छ जिला “बहुत उच्च जोखिम” वाले भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है और वहां अक्सर कम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं.
गुजरात में 23 अप्रैल 2025 को भी भूकंप आया था. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने उस दिन कच्छ में आए भूकंप की तीव्रता 4.3 दर्ज किया था. एनसीएस ने बताया कि रात 11.26 बजे आए भूकंप का केंद्र राजकोट से 160 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित था. भूकंप की गहराई 20 किलोमीटर थी.
24 साल पहले आया था 6.9 तीव्रता का भूकंप
26 जनवरी 2001 को गुजरात में 6.9 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र कच्छ के भचाऊ के पास था. जीएसडीएमए के आंकड़ों के अनुसार भूकंप ने कच्छ सहित पूरे राज्य को प्रभावित किया था. इसे गुजरात की अर्थव्यवस्था को भी काफी नुकसान पहुंचा था. करीब 13,800 लोगों की मौत हुई और 1.67 लाख लोग घायल हुए थे.
गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 200 वर्षों में प्रदेश में नौ बड़े भूकंप आए हैं. इसमें 2001 का कच्छ भूकंप पिछली दो शताब्दियों में भारत में तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप था. कच्छ में आए उस भूकंप ने एक बड़े भूभाग को तबाह कर दिया था.
2001 के भूकंप में भुज में भारी तबाही हुई थी. लगभग 10 हजार लोग मारे गए थे. भूकंप की वजह से 95 प्रतिशत इमारतें नष्ट हो गईं या रहने लायक नहीं रहीं थीं. शहर में 38,653 घर आंशिक रूप से या पूरी तरह से ढह गए थे. भूकंप ने भुज में 8 स्कूल, दो अस्पताल और 4 किलोमीटर सड़क को भी नष्ट कर दिया था.