
राजधानी भोपाल में सामने आए कथित हाई-प्रोफाइल लव जिहाद मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम मंगलवार को भोपाल पहुंची। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने इसकी जानकारी दी। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने मंगलवार को बताया कि हमें एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें बताया गया कि भोपाल के कॉलेजों में हिंदू लड़कियों के साथ रैगिंग के नाम पर यौन शोषण किया जा रहा है। उनका वीडियो बनाया जाता था और उन्हें ड्रग्स दी जाती थीं। इन वीडियो के माध्यम से उन्हें ब्लैकमेल कर इस्लाम में जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा था। यह गंभीर शिकायत है। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के लिए NHRC की एक टीम को भोपाल भेजा गया है, जो अगले दो दिनों तक मामले की जांच करेगी। कानूनगो ने बताया कि अब तक 7-8 पीड़िता सामने आ चुकी हैं, लेकिन हमें अंदेशा है कि इसमें संख्या 12 से 24 से भी अधिक हो सकती है। उन्होंने पीड़िताओं से भी अपील की कि अगर वे गोपनीय रूप से अपनी बात साझा करना चाहें तो NHRC की टीम से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने सजग नागरिकों से भी इस संबंध में सूचना देने की अपील की।
पुलिस जांच पर उठाए सवाल
प्रियांक कानूनगो ने पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रारंभिक तौर पर हमें ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पुलिस जांच में कुछ सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कम उम्र की लड़ियों को प्रभावित करने के लिए आपराधियों ने महंगी महंगी बाइक का इस्तेमाल किया। वह बाइक अपराध में प्रयुक्त साधन है। उन्होंने कहा कि हमें अभी यह जानकारी नहीं मिली है कि बाइक जब्त की गई है। एक अपराधी की प्रोफाइल बताई जा रही है कि वह ड्राइवर का बेटा था। ऐसे में सवाल यह है कि वह तीन लाख की बाइक कैसे खरीद कर चला रहा था। इस पैसे की ट्रेल पकड़ में आना चाहिए। क्या यह हवाला का मामला है या किसी प्रकार की मनी लॉड्रिंग का मामला है। यह सब जांच के बिंन्दू पुलिस के होना चाहिए। इस संबंध में पुलिस से बात करेंगे।
क्लब 90 जैसे अड्डे रोकना चाहिए
प्रियांक कानूनो ने कहा कि क्लब 90 अड्डा था। सरकार को ऐसे अड्डे रोकना चाहिए। यह पता चला है कि सरकार की ही एजेंसियों ने ही लाइसेंस देखकर ऐसी व्यवस्था खुलवाई थी। एक तालाब था, उसके किनारे एक तरफ नशा खोरी का अड्डा बना लिया है। जिसके नाम से क्लब का लाइसेंस था, उसका कंट्रोल नहीं था। उसको कोई दूसरा ही संचालन कर रहा था। यह भी हमारी जांच में शामिल है। इसके अलावा कोई महेंद्र नाम का कोई व्यक्ति बच्चों के एडमिशन कराने की दलाली करता है। यह सब हमारे जांच के बिन्दू है। एक दो दिन में मामले में बहुत सी चीजें साफ होगी। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए।