जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष भारतीय पर्यटकों की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस वीभत्स आतंकी हमले के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी है। वहीं, पाकिस्तान को खुला समर्थन देने वाले तुर्किये के रुख ने इस नाराजगी को और तीखा कर दिया है। इसी के चलते उदयपुर के संगमरमर उद्योग से जुड़े व्यापारियों ने एक बड़ा फैसला लेते हुए तुर्की से मार्बल और संबंधित उत्पादों के आयात को बंद करने की घोषणा कर दी है।
प्रधानमंत्री को पत्र लिख आयात बंद करने की अपील
उदयपुर-राजसमंद क्षेत्र के संगमरमर व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर न सिर्फ तुर्की से अपने स्तर पर आयात रोकने की जानकारी दी है, बल्कि केंद्र सरकार से भी यह मांग की है कि वह तुर्किये के साथ सभी व्यापारिक संबंध तत्काल प्रभाव से समाप्त करे। व्यापारियों ने अपने पत्र में तुर्किये द्वारा पाकिस्तान को सैन्य और कूटनीतिक समर्थन देने का हवाला देते हुए कहा है कि भारत विरोधी राष्ट्रों से किसी भी प्रकार का व्यापार अब राष्ट्रहित के खिलाफ है।
राष्ट्रहित सर्वोपरि, आर्थिक कीमत चुकाने को तैयार
व्यापारियों का कहना है कि तुर्किये से प्रतिवर्ष लगभग 5,000 करोड़ रुपये मूल्य का संगमरमर भारत में आयात होता है, जिसका सबसे बड़ा हिस्सा उदयपुर और राजसमंद के व्यापारी करते हैं। इस आयात पर रोक का सीधा असर उद्योग पर जरूर पड़ेगा, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया है कि देश की अस्मिता और सुरक्षा के आगे किसी भी प्रकार की आर्थिक कीमत कोई मायने नहीं रखती।