
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महाराष्ट्र में मुंबई समेत कई जगहों पर की गई मॉक ड्रिल के बाद, नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने राज्य के गृह मंत्रालय को सिफारिशों की लंबी लिस्ट भेजी है. निदेशालय ने अपने फोर्स को अपग्रेड करने और अत्याधुनिक बनाने में मदद करने के लिए करीब 300 खाली पड़े पदों को भरने की मांग की है.
नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने अधिकारियों की भर्ती के अलावा फोर्स के लिए अहम एयर रेड वॉर्निंग सिस्टम, एम्बुलेंस और गाड़ियों के अलावा इमरजेंसी से जुड़े ढेर सारे उपकरण और गैजेट शामिल करने का अनुरोध किया है. निदेशालय का अनुमान है कि फोर्स में पूरे तौर पर बदलाव को लेकर कम से कम 20 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा.
मंत्रालय को भेजी इन चीजों की लिस्ट
निदेशालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मॉक ड्रिल अभ्यास के दौरान कई खामिया सामने आईं जिसको लेकर सुझाव दिया गया है कि फोर्स को फ्लोरोसेंट सुरक्षा जैकेट और रस्सियां, गमबूट, हार्नेस, दस्ताने, स्ट्रेचर, फर्स्ट एड किट, हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर, मेकशिफ्ट टेंट और इमरजेंसी लाइट जैसी कई चीजें खरीदनी चाहिए ताकि इसे और अधिक मजबूत बनाया जा सके.
इस बीच, राज्य सरकार ने मुंबई यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में नागरिक सुरक्षा पाठ्यक्रम को भी शामिल करने का फैसला लिया है, जिसमें संकट के समय स्वयंसेवक आधारित आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली (emergency response systems) की अहम भूमिका को तवज्जो दी गई है. खासतौर से भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच देश के कई शहरों में मॉक ड्रिल अभ्यास कराया गया था. ब्लैकआउट के अलावा 16 प्रमुख शहरी क्षेत्रों में कई जगहों पर मॉक ड्रिल अभ्यास कराई गई.
मॉक ड्रिल के दौरान आई थी ढेरों खामियां
महाराष्ट्र के कई तटीय जिलों के साथ-साथ पुणे, नासिक और छत्रपति संभाजीनगर में कराए गए मॉक ड्रिल के दौरान कई तरह की खामियां सामने आई थी, और इन कमियों के सामने आने के बाद ही नागरिक सुरक्षा पर फिर से ध्यान केंद्रित किया गया है.
इस ड्रिल का मकसद स्वयंसेवकों और आम जनता के बीच बचाव कार्यों, चिकित्सीय मदद और अन्य आपातकालीन सेवाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना था. मुंबई में, मुख्य मॉक ड्रिल क्रॉस मैदान और वार्ड स्तर पर कई अन्य छोटी जगह पर कराई गई. मुंबई में यह ब्लैकआउट अणुशक्ति नगर और तारापुर में किए गए.
नागरिक सुरक्षा (Civil Defence) के निदेशक, प्रभात कुमार ने अखबार TOI को बताया कि फोर्स के लिए कर्मचारियों की लिस्ट गृह विभाग को सौंप दी गई है, जिसमें अधिकारियों के सभी 450 पदों को भरने का अनुरोध किया गया है क्योंकि निदेशालय के पास अभी फोर्स में महज 150 अधिकारी ही हैं. प्रभात कुमार के अनुसार निदेशालय और मुंबई यूनिवर्सिटी ने यूनिवर्सिटी के कैरिकुलम में नागरिक सुरक्षा पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए पहले ही एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर कर दिया है.