
तेलंगाना के नागरकुरनुल में 22 फरवरी को टनल हादसा हुआ था. इस हादसे में कई मजदूरों की मौत हुई थी. इस हादसे में मरने वालों में झारखंड के एक मजदूर संतोष साहू भी शामिल हैं, लेकिन संतोष साहू को अंतिम संस्कार भी ढंग से नसीब नहीं हो पाया. एक पुतले पर उनका चेहरा लगाया गया. फिर उनका अंतिम संस्कार किया गया. मजदूर संतोष साहू झारखंड के गुमला जिले के तिरा गांव के रहने वाले थे.
तेलंगाना में हुए हादसे को ढाई महीने ( लगभग 80 दिन) से ज्यादा बीत गए, लेकिन परिवार वालों को मृतक संतोष साहू कोई खबर नहीं मिल सकी है. उनका शव भी नहीं मिल सका है. शव नहीं मिलने के कारण परिजनों उनकी असमय मौत होने के बाद उनकी आत्मा को शांति के लिए उनका अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे थे. हालांकि दो माह बीत जाने के बाद अब उनकी पत्नी और परिजनों ने संतोष साहू को मृत मानते हुए उनका अंतिम संस्कार कर दिया.
पुतले के सिर पर लगाई मृतक की तस्वीर
संतोष साहू के अंतिम संस्कार के लिए पहले मानव आकृति का एक पुतला बनाया गया. पुतले के सिर पर मजदूर संतोष साहू की तस्वीर लगाई गई. इसके बाद पूरे हिंदू रीति-रिवाज के साथ चार कंधों का सहारा देकर उनकी अंतिम शव यात्रा निकाली गई. फिर गुमला जयपुर मार्ग स्थित तिरा घाट पर पुतले से बने संतोष साहू के शव को मुखाग्नि दी गई. इस दौरान मृतक के परिजनों के साथ-साथ बड़ी संख्या में गांव के लोग भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए.
टनल हादसे में झारखंड के चार मजदूर फंसे थे
मृतक संतोष साहू अपने पीछे पत्नी के साथ-साथ तीन बच्चों को छोड़ गए हैं. उनकी दो नाबालिग बेटियां और एक सात साल का बेटा है. गौरतलब है कि तेलंगाना के नगरकुरनूल मैं हुए निर्माणाधीन टनल हादसे में झारखंड के गुमला जिले के चार मजदूर भी अंदर फंसे थे. अब तक चारों में से एक भी मजदूर का शव बरामद नहीं हुआ है.