नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के आरोपों और सवालों का जवाब देने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की है. पार्टी ने फैसला किया है कि वह सिलसिलेवार ढंग से देशवासियों को बताएगी कि भारत ने इस ऑपरेशन के जरिये क्या हासिल किया और यह देश की सुरक्षा के लिए कितना महत्वपूर्ण था. इसके लिए बीजेपी एक बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान शुरू करने जा रही है, जिसमें राज्यों की राजधानियों से लेकर जिला, मंडल और बूथ स्तर तक जानकारी पहुंचाई जाएगी. इस अभियान के तहत बीजेपी यात्राएं भी निकालेगी ताकि जनता तक सीधे संदेश पहुंचाया जा सके.इस अभियान की रूपरेखा तैयार करने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हुए. इसके अलावा, बीजेपी के संगठन महासचिव बीएल संतोष, सह-संगठन महासचिव शिवप्रकाश और महासचिव तरुण चुघ भी इस बैठक में मौजूद थे.सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना की कार्रवाई और युद्ध विराम के बाद की स्थिति को जनता के बीच प्रभावी ढंग से पहुंचाने पर विस्तार से चर्चा हुई. बीजेपी का मानना है कि विपक्ष, खासकर कांग्रेस, इस मुद्दे पर भ्रामक प्रचार कर रही है और सरकार के प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है. इसलिए, पार्टी ने तय किया है कि वह सेना की उपलब्धियों और सरकार की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाएगी. साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसपर संसद का विशेष सत्र भी बुलाने की मांग की है.
इसके बाद सोमवार को भी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मुद्दे पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों और मीडिया विभाग के प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई. यह बैठक लगभग एक घंटे तक चली, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर और युद्ध विराम के बाद के हालात पर जनता के सवालों का जवाब देने की रणनीति बनाई गई. बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि बीजेपी को विपक्ष के आरोपों का जवाब तथ्यों और आंकड़ों के साथ देना होगा. सूत्रों की मानें तो भारतीय सेना की बहादुरी और सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को आम लोगों तक पहुंचाने की योजना भी इस बैठक में बनाई गई.
कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर और युद्ध विराम को लेकर कई सवाल उठाए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार से पूछा है कि क्या भारत को पाकिस्तान से आतंकवाद के ढांचे को खत्म करने का कोई ठोस आश्वासन मिला है. इसके अलावा, विपक्ष ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जरिये युद्ध विराम की घोषणा पर भी सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है ताकि इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हो सके.
बीजेपी इन सवालों का जवाब इसलिए भी देना चाहती है ताकि इस मुद्दे पर विपक्ष उसे बैकफुट पर ना ला सके, जिस तरह से सीजफायर के बाद से ही कांग्रेस इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लड़े गए 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की उपलब्धियां सोशल मीडिया और अपने बयानों में लगातार गिना रही है, उसे लेकर भाजपा इस मुद्दे पर अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है और खुलकर खेलने की तैयारी में है.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बीजेपी नेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे विपक्ष के हर सवाल का तथ्यपरक जवाब दें और यह स्पष्ट करें कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत नीति का हिस्सा है. इसके तहत 7 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. यह ऑपरेशन पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी.
इसके लिए भाजपा की तरफ से बनाया जा रहा प्रचार अभियान भी बहुआयामी होने की संभावना है. पार्टी ने तय किया है कि वह हर राज्य की राजधानी, जिला मुख्यालय, मंडल और बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं के जरिये ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और युद्ध विराम के महत्व को जनता तक पहुंचाएगी. इसके लिए विशेष यात्राएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें बीजेपी नेता और कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर सरकार की उपलब्धियों को बताएंगे. साथ ही, सोशल मीडिया, प्रेस कॉन्फ्रेंस और जनसभाओं के जरिये भी यह संदेश प्रसारित किया जाएगा.
पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, "ऑपरेशन सिंदूर ने 50 वर्षों से असंभव लगने वाली चीज को संभव कर दिखाया है. झेलम और चिनाब अब पूरी तरह भारत के नियंत्रण में हैं. यह युद्धविराम नहीं, बल्कि एक समझदारी है." उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारतीय सेना की इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा.
अश्विनी वैष्णव ने पीएम मोदी से की मुलाकात
इस रणनीति को और मजबूत करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक घंटे की मुलाकात की. सूत्रों की मानें तो इस दौरान प्रचार अभियान के लिए मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग पर चर्चा हुई. सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने निर्देश दिए कि इस अभियान में भारतीय सेना की वीरता और सरकार की नीतियों को केंद्र में रखा जाए, ताकि जनता में देशभक्ति और एकजुटता का भाव और मजबूत हो.
बीजेपी का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत कार्रवाई का प्रतीक है, बल्कि यह वैश्विक मंच पर भी भारत की ताकत को दर्शाता है. पार्टी इस ऑपरेशन को देश की जनता के सामने एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में पेश करना चाहती है. साथ ही, वह विपक्ष के उन नेताओं को जवाब देना चाहती है, जो पहले सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसे अभियानों पर सवाल उठाते थे.
इस अभियान के तहत बीजेपी यह भी बताएगी कि कैसे भारत ने वैश्विक समुदाय को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी और पाकिस्तान के आतंकवादी ढांचे को बेनकाब किया. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 13 देशों के राजदूतों को इस ऑपरेशन की जानकारी दी थी, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, न कि आम नागरिकों को.
विपक्षी पार्टियों को जवाब देकर संतुष्ट करेगी भाजपा
इस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि ये समय सौहार्द का है और विपक्ष ने सरकार का साथ भी दिया है. मगर सीजफायर के बाद जो कुछ सवाल उठ रहे उसपर भाजपा कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों को जवाब देकर संतुष्ट करेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर सरकार निर्णय लेगी.
बीजेपी का यह प्रचार अभियान न केवल विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए है, बल्कि यह देशवासियों में आत्मविश्वास और गर्व की भावना को बढ़ाने का भी प्रयास है. ऑपरेशन सिंदूर को एक मील का पत्थर बताते हुए बीजेपी यह संदेश देना चाहती है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है. इसके पीछे पार्टी की मंशा ये भी है कि आने वाले दिनों में उनकी यह रणनीति देश की राजनीति और जनता के बीच चर्चा का केंद्र भी बन सके.